मंडी। रैफरी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सैणी एवं अन्य फुटबाल खिलाडिय़ों ने प्रदेश में फुटबाल के गिरते स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए एक पत्र प्रदेशाध्यक्ष अमितपाल सिंह को लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रदेश फुटबाल संघ के कुछ पदाधिकारी फुटबाल खेल की आड़ में कुछ ऐसा कर रहे हैं जिसके कारण फुटबाल का स्तर गिर रहा है। ये लोग जब कांग्रेस की सरकार होती है तो कांग्रेसी बन जाते हैं और जब भाजपा की सरकार होती है तो भाजपा के बन जाते हैं।
इस पत्र में कहा गया है कि इस समय जो सुंदरनगर में उतरी भारत संतोष ट्राफी की प्रतियोगिता चल रही है उसमें दूसरे राज्यों के रिजेक्टिड और अनफिट फुटबाल खिलाड़ी शामिल किए गए हैं। जिन खिलाडिय़ों को अपने राज्य से खेलने का मौका नहीं मिलता वह हिमाचल की टीम से खेल रहे हैं जो यहां के होनहार खिलाडिय़ों के साथ अन्याय व भेदभाव है। अखिल भारतीय फुटबाल संघ की ऐसी कोई शर्त या नियम नहीं है कि दूसरे राज्यों के खिलाड़ी प्रदेश की फुटबाल टीम से खेले। हिमाचल की टीम के लिए कोचिंग कैंप पंजाब में लगाया गया था जबकि यह सुंदरनगर में ही होना चाहिए था ताकि खिलाडिय़ों को इस मैदान का लाभ प्रतियोगिता के दौरान मिलता। [@ यहां था पैदा होते ही बेटी को मार देने का रिवाज, अब बेटी ने ही किया नाम रोशन]
उपरोक्त प्रतियोगिता के लिए 50 से ज्यादा खिलाडिय़ों का चयन किया गया था मगर बाद में उनमें से लगभग सभी को बाहर कर दिया गया। उनके स्थान पर दूसरे राज्यों के खिलाड़ी शामिल किए गए। ऐसे में चूंकि एक प्रदेशाध्यक्ष की बड़ी जिम्मेवारी है, मान-सम्मान का पद है तो फुटबाल के गिरते स्तर को रोकना व पहले की तरह बल्कि उससे भी आगे बढ़ कर उसे पहुंचाने की भी जिम्मेवारी है।
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