जालोर। नाबालिग लडक़ी को भगाकर दुष्कर्म करने के आरोपी को जिला एवं सत्र न्यायालय ने गुरुवार को सात साल की सजा सुनाई है। [# शर्त या पागलपंथी!निगली एक फुट लंबी संडासी] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
अभियोजन के अनुसार पीडि़ता के पिता ने नोसरा थाना में रिपोर्ट पेश कर बताया था कि 11 अक्टूबर 2015 को दोपहर करीब तीन बजे उसकी साढ़े पंद्रह वर्षीय नाबालिग पुत्री छोटे बच्चों को घर छोडऩे के लिए खेत से रवाना हुई। बच्चों को घर छोडऩे के बाद वह बस स्टैंड से बस में जालोर चली गई। शाम छह बजे घर आने पर उसकी पुत्री घर पर नहीं मिली। बस स्टैंड जाने पर गांव के छात्र ने बताया कि उसकी बेटी बस से जालोर के एफसीआई गोदाम क्षेत्र में उतरी है। वहां जाकर तलाश किया, लेकिन पता नहीं चला। इस पर नोसरा पुलिस थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन व कॉल डिटेल निकाली। जिसमें उसकी बेटी की लोकेशन नारणाराम पुत्र सोनाराम हरिजन निवासी मेघवालों का तला, मंगता, धोरीमन्ना (बाड़मेर) आई। कॉल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने मंगता में दबिश दी। पुलिस को देख नारणाराम वहां से भाग गया। वहीं उसकी बेटी को पुलिस ने वहां से लाकर परिजनों को सौंप दिया।
जांच के बाद पुलिस ने आरोपी नारणाराम को गिरफ्तार किया। बाद में पुलिस ने नारणाराम व सहयोग करने वाली नथुदेवी पत्नी चुन्नीलाल मीणा निवासी आईपुरा के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलचंद नाहर ने दोनों पक्षों की बहस सुनने एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद नाबालिग को भगाकर ले जाने व दुष्कर्म के आरोपी नारणाराम को दोषी मानते हुए सात साल के कारावास की सजा सुनाई। वहीं नथुदेवी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। सरकार की ओर से पैरवी लोक अभियोजक अमिताभसिंह ने की।
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