बाड़मेर। प्रदेश में राष्ट्रीय टीकाकरण सारणी में आगामी मार्च माह से दस्त रोग प्रतिरक्षक रोटा वायरस टीका शामिल कर बच्चों को यह वैक्सीन लगाना प्रारंभ किया जाएगा। रोटा वायरस वैक्सीन की 5 गुलाबी रंग की बूंदे 6, 10 और 14 सप्ताह की उम्र में नियमित टीकाकरण के साथ पिलाई जाएगी। केन्द्र सरकार ने दो वर्ष तक की उम्र बच्चों की अकाल मृत्यु में दस्त के मुख्य कारण को ध्यान में रखते हुए रोटा वायरस वैक्सीन को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, हरियाणा एवं आंध्रप्रदेश में यह वैक्सीन नियमित टीकाकरण में शामिल है। भारत में 13 प्रतिशत बच्चों की डायरिया से मौत होती है एवं 40 प्रतिशत बच्चों को दस्त होने के कारण चिकित्सालय में भर्ती कर उपचार की आवश्यकता होती है। विश्व में 81 देशों में पहले से पूर्ण सुरक्षित एवं मीठे स्वाद वाला यह रोटा वायरस वैक्सीन बच्चों को लगाया जाता है। आगामी मार्च माह से प्रदेश में भी समस्त बच्चों को निर्धारित प्रावधानों के अनुसार लगाने प्रारंभ हो जाएंगे।
मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नवीन जैन ने बताया कि रोटा वायरस वैक्सीन के बारे में समस्त जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारियों, पीएचसी-सीएचसी के चिकित्सा प्रभारियों एवं जिला आईईसी समन्वयकों को विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि एक वैक्सीन वायल में 10 खुराकें होंगी एवं इनका वायल खोलने के बाद अधिकतम चार घंटे तक ही उपयोग किया जा सकेगा। इन्हें 2 डिग्री से ़8 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर सतर्कतापूर्वक रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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