जयपुर। गजलों के नूर गायक जगजीत सिंह के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में यहां जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में उनकी यादों का गुलदस्ता सजाया गया। लाइफ एंड लिविंग एलएलपी की ओर से पद्मभूषण गजल सम्राट जगजीत सिंह को समर्पित ‘मेरा गीत अमर कर दो’ शीर्षक से आयोजित कार्यक्रम में सीकर के कलाकार आशुतोष भट्ट, गंगानगर गार्गी कोटेके और निम्फिया सूडेन रेड्डी ने अपनी पुरकशिश आवाज में रुमानी गजलें पिरोकर माहौल में रुहानियत भर दी।
सुर, साज और आवाज के बेहतरीन संयोजन से सजे कार्यक्रम का आगाज ‘हे गोविंद, है गोपाल’ भजन से हुआ। इसे कलाकार आशुतोष भट्ट ने पेश किया। इसके बाद उन्होंने गजल ‘शाम से ही आंख में’, हमने महफिल सजा ली है लेकिन तेरी आवाज की कमी सी है..., तेरे आने की जब खबर की महक, तेरी खुशबू से सारा घर महके..., कौन कहता है मोहब्बत की जुबां होती है..., किया है प्यार जिसे जिंदगी की तरह... सुनाकर महफिल में गायक जगजीत सिंह की बुलंद आवाज को स्वरांजलि दी।
कार्यक्रम में गंगानगर की गार्गी कोटोके व निम्फिया सूडेन रेड्डी ने भी अपनी आवाज का खूबसूरत नजारा पेश किया। झुकी-झुकी सी नजर..., अपने होठों पे सजाना..., एक चमेली मंड वे लाल... जैसी रचनाओं को कलाकार निम्फिया ने पूरी शिद्दत से पेश की प्रशंसा बंटोरी। वहीं कलाकार गार्गी ने सरकती जाए है..., गम का खजाना..., ऐ दिले नादां...जैसी गजलें गाईं।
राज्यमंत्री मेघवाल ने भी गुनगुनाया जगजीत का गीत
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