श्रीगंगानगर। जिला मुख्यालय पर बेरोजगारों के लिए बनाए गए कियोस्क जर्जर हालात में पहुंच गए हैं। हालत ये है कि ये कियोस्क कभी भी धराशायी हो सकते हैं। वर्षों पहले बेरोजगारों युवाओं को रोजगार देने के लिए इन कियोस्कों का आवंटन किया गया था मगर, आज तक इन पर ताले ही लटके हुए नजर आ रहे हैं। शहर में कुछ साल पहले नगर परिषद ने दो दर्जन से अधिक कियोस्कों का निर्माण करवाकर यूआईटी के हवाले किये थे। यूआईटी ने बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए इन कियोस्कों का आवंटन तो किया मगर, आवंटन कराने वाले बेरोजगारों ने इन्हें इस्तेमाल नहीं किया। ऐसे में बाकी बेरोजगार युवाओं को भी ये कियोस्क आवंटित नहीं हो सके। अब नगर परिषद ने इन कियोस्कों की जांच करवा कर बंद पड़े कियोस्कों को फिर से आवंटित करने का फैसला किया है। नगर परिषद आयुक्त सुनीता चौधरी ने नोडल एजेंसी यूआईटी से पूरी जानकारी लेकर बंद पड़े इन कियोस्कों की जांच करवाकर जल्दी ही फिर से आवंटन करने के आदेश दिए हैं। वहीं बेरोजगारों का कहना है कि सालों से बंद पड़े कियोस्क अगर उन लोगों को मिलें जो सडक़ पर अतिक्रमण करके अपनी आजीविका चला रहे हंै, तो न केवल अतिक्रमण अभियान सफल होगा बल्कि ऐसे लोगों को भी अपनी आजीविका चलाने के लिए एक स्थाई जगह मिलेगी।
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