शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां राज्य सचिवालय में दृष्टिबाधित व्यक्तियों के सेवा मामलों को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बैकलॉग का पुनः आंकलन करने तथा इसे केडर आधार पर भरने का निर्णय लिया। वर्तमान में राज्य में शारीरिक तौर पर 163 विकलांगजनों का बैकलॉग है। बैठक में निर्णय लिया गया कि 65 दृष्टिबाधित व्यक्तियों के बैकलॉग को शीघ्र भरा जाएगा। योग्यता मानदण्डों में विशेषकर शिक्षा विभाग में अध्यापकों के पदों के लिए कुछ छूट देने का निर्णय लिया जाना है। यह निर्णय अध्यापकों के लगभग 32 पदों के बैकलॉग को पूरा करने के लिए लिया जा रहा है। [@ धुंध से परेशान हैं, हिमाचल की पहाडियों का रूख करें] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
लगभग 33 पदों के बैकलॉग को 15 दिनों के भीतर विज्ञापित करने का भी निर्णय लिया गया। यह अवगत करवाया गया कि वर्ष 1996 के बाद शारीरिक तौर पर विकलांग व्यक्तियों के विभिन्न 1750 पद भरे गए हैं, जिनमें से 554 पदों पर दृष्टिबाधित व्यक्तियों को नियुक्तियां दी गई हैं और 163 पदों के बैकलॉग को भरने की प्रक्रिया जारी है। समाज कल्याण सचिव अनुराधा ठाकुर ने कहा कि विशेष बच्चों के स्कूल ढली तथा विशेष योग्यता वाले बच्चों के संस्थान सुन्दरनगर में परामर्श देने के लिए एक उच्च स्तरीय सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा। दृष्टिबाधितों द्वारा ब्रेल परीक्षा के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करने के अनुरोध पर सचिव ने कहा कि कुछ शर्तें अनिवार्य है, जिनके लिए नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के साथ विचार-विमर्श करने के उपरांत निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने मांगों पर सहानुभूतिपर्वूक विचार करने का आश्वासन दिया। दृष्टिबाधित संघ के अध्यक्ष शोभू राम तथा संघ के अन्य प्रतिनिधि, अतिरिक्त मुख्य सचिव तरूण श्रीधर, प्रधान सचिव तकनीकी शिक्षा संजय गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक एचपीटीडीसी दिनेश मल्होत्रा भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।
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