उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यापक स्तर पर किया जा रहा है ताकि लोग अपने न्यायालयों में विचाराधीन मामलों को लोक अदालत में रखकर इनका निपटारा करवा सकें। श्री फुटेला ने कहा कि लोक अदालत पुरानी पंच-परमेश्वर की अवधारणा पर फैंसला सुनाती है। जिस प्रकार पहले ग्रामीण क्षेत्र में गांव के पांच मौजिज व्यक्ति गांव के विवादों व झगड़ो का आपसी सहमति से समाधान करते थे, उसी प्रकार लोक अदालत में रखे गए केसों का निपटारा होगा। उन्होने यह भी बताया कि पीडि़त पक्षों को लोक अदालत में सस्ता व सुलभ न्याय मिलता है तथा उन्हें कोर्ट कचहरी के चक्कर से छुटकारा मिलता है। फुटेला ने कहा कि लोक अदालत में सुनाए गए फैंसले का महत्त्व भी सामान्य अदालत के फैंसले के समान होता है और लोक अदालत के फैंसले के विरूद्ध देश के किसी भी न्यायालय में अपील दायर नही की जा सकती।
यह भी पढ़े :खास खबर Exclusive : कैसे बढ़ रहे हैं पीएम नरेन्द्र मोदी अपने एजेंडे की ओर
यह भी पढ़े :बैंकों में क्या है हाल, देखिए तस्वीरें
राजस्थान में पेट्रोल पंप मालिकों की हड़ताल : 1 अक्टूबर को सुबह से शाम और 2 से अनिश्चितकालीन बंद
दिल्ली में बाइक सवार बदमाशों ने कारोबारी के कर्मचारियों से 17 लाख रुपये लूटे
एशियाई खेल : भारत ने रोमांचक मुकाबले में पाकिस्तान को हराकर पुरुष स्क्वैश टीम का स्वर्ण पदक जीता
Daily Horoscope