उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत लोगों की सुविधा के लिए आयोजित की जा रही है जिसमें ऐसे केसों का निपटारा किया जाएगा जो आपसी समझौते या सहमति से हल हो सकते है जैसे कि वाहन दुर्घटना मुआवजा केस से संबंधित मामले, वैवाहिक मामले, मजदूरी विवाद, जमीन अधिग्रहण मुआवजा से संबंधित मामले, दीवानी मामले जैसे किराया, बैंक ऋण, राजस्व, बाढ़ पीडि़त, बिजली/पानी बिल से संबंधित मामले, बच्चों व पत्नी के लिए भरण पोषण आदि से संबंधित लंबित विवाद, चैक बाऊंस मामले, राजीनामा योग्य फौजदारी मामले आदि के केस रखे जाएंगे। इसके अलावा, कोई भी विवाद जो अदालत में लंबित नही हैं, भी लोक अदालत में लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गंभीर आपराधिक केसो को छोडक़र अन्य प्रकार के सभी केसो का निपटारा लोक अदालत में हो सकता है।
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