आजमगढ़। देश
की चर्चित नाट्य संस्था सूत्रधार संस्थान की ओर से शुक्रवार को आजमगढ़ रंग महोत्सव आरंगम-2017 का शुभारम्भ हुआ। शारदा
टाकिज के प्रागंण में हुअा यह समारोह राष्ट्रीय पुरस्कार
प्राप्त रंगकर्मी अभिषेक पंडित के सक्रिय रंगमंच पर बीस वर्ष पूरे होने
अवसर पर आयोजित किया गया है। चूंकि यह आरंगम् का बारहवां वर्ष है इसलिये
रंगमंच, साहित्य व पत्रकारिता के बारह शीर्ष विभूतियों के हाथों दीप
प्रज्ज्वलन किया गया। [@ यहां मिलते है पालतू जहरीले बिच्छू,नहीं मारते डंक] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
ज्ञात हो सूत्रधार संस्थान देश में
उत्कृष्ठ नाट्यकर्म करने वाले शिर्ष रंगकर्मीयों को रंगमंच क्षेत्र में
अतुलनीय योगदान के लिये विगत वर्ष से सूत्रधार सम्मान देने की परम्परा शुरू
की है। उसी कड़ी में इस वर्ष राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक एवं देश
के जाने माने रंगनिर्देशक वामन केन्द्रे को यह सम्मान दिया गया है। इस
सम्मान में ताम्रपत्र के साथ-साथ ग्यारह हजार रूपये भी दिए जाते हैं। तत्पश्चात उमेश कन्नौजिया एवं साथी लोकनृत्य दल द्वारा धोबिया एवं
जांघिया नृत्य का शानदार प्रदर्शन किया गया। आरंगम् के दूसरे सत्र में
हृषिकेश सुलभ कृत नाटक बटोही का मंचन किया गया।
नाटक के माध्यम से कलाकारों
ने एक रचनाकार के अन्र्तमन की व्यवस्था और द्वन्द को सफलता पूर्वक
प्रस्तुत किया। भोजपूरी के शेक्सपियर कहें जाने वाले भिखारी ठाकुर के जीवन
पर आधारित इस नाटक कों अभिषेक पंडित की परिकल्पना और सधे हुये निर्देशन में
नाटक बटोही ने जनपद में नयी रंगभाषा को प्रदशित कियां। सुलभ के लिखे
संवादों के जरिये यह प्रस्तुति किसी काल विशेष की न होकर आज की परिवेश से
सवाल करती नजर आयी।
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