वाराणसी। नए वर्ष में एक नई प्रथा ने यहां चार-पांच वर्षों से एक अभियान का रूप ले लिया है और वो है एक जनवरी यानि साल के प्रथम दिन मन्दिरों में जाकर भगवान को धन्यवाद ज्ञापित करना। काशी के मन्दिरों में अल सुबह से ही जो दर्शनार्थियों का तांता लगा वह देर रात्रि तक अनवरत चलता रहा। फिर चाहे वो काशी का प्रतिष्ठित श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर हो, संकट मोचन मंदिर, काशी का कोतवाल बाबा कालभैरव, मां अन्नपूर्णा दरबार, बीएचयू स्थित विश्वनाथ मन्दिर, बटुक भैरव मन्दिर, दुर्गा मन्दिर(दुर्गा कुण्ड) या मृत्युंन्जय मन्दिर हो इन सभी बड़े और प्रसिद्ध मन्दिरों के अलावा छोटे बड़े मन्दिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
लोग सपरिवार मंदिरों में पहुंचकर ईश्वर को बीते समय का धन्यवाद दे रहे थे साथ ही आने वाले समय में सुख समृद्धी की कामना भी कर रहे थे। [@ बीएसएनएल का तोहफा:144 रूपये में करें असीमित लोकल-एसटीडी कॉल
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