शिमला । प्रदेश
कौशल विकास निगम
ने आगामी पांच
वर्षों के दौरान राज्य
के 65 हजार युवाओं को फ्लैगशिप कार्यक्रम तथा रोजगार सहयोग
प्रदान करने का लक्ष्य
निर्धारित किया है, जिसके
लिए 80 व 20 के अनुपात
में एशियन विकास
बैंक द्वारा वित्तपोषित
650 करोड़ रुपये एक महत्वकांक्षी परियोजना क्रियान्वित की जा रही है और राज्य
सरकार ने 130 करोड़ रुपये का राज्य हिस्सा पहले ही प्रदान
कर दिया है। विकास
निगम निदेशक मण्डल
के निदेशक विक्रमादित्य सिंह ने यह जानकारी हि.प्र. कौशल
विकास निगम के नए कार्यालय को समर्पित करने
के उपरान्त दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यालय राज्य के हजारों युवाओं
की आकांक्षाओं को पूरा करने का केन्द्र होगा।
परियोजना
के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कौशल उन्नयन,
वरिष्ठ माध्यमिक स्तर उतीर्ण करने
वाले विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण एवं रोजगार, स्कूल छोड़ने वाले बच्चों, अकुशल
कामगारों, वेरोजगार युवाओं, अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों, महिलाओं,
दिव्यांगजनों तथा अन्य सुविधाहीन
समूहों के लिए एक रोड़ मैप तैयार
किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कौशल प्रशिक्षण
तथा गुणात्मक व्यावसायिक
प्रशिक्षण पर निगम बल दे रहा है।
विक्रमादित्य
सिंह ने कहा कि राज्य हस्तशिल्प
एवं हथकरघा की अलग विशिष्टता है, जो समाप्त होने
के कगार पर है और इस क्षेत्र में युवाओं के लिए स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में ग्रामीण युवाओं
को प्रशिक्षण प्रदान
कर इन्हें पुनर्जीवित
करने तथा आर्थिक
तौर पर संबल
बनाने पर निगम बल देगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश
भर में 7 ग्रामीण
आजीविका केन्द्रों की स्थापना की गई है। 11 रोजगार
कार्यालयों को आदर्श कैरियर
केन्द्रों में स्तरोन्नत किया
जाएगा। उन्होंने कहा कि केरल
तथा राजस्थान के बाद हिमाचल प्रदेश
युवाओं के कौशल उन्नयन
में देश का अग्रणी राज्य है।
उन्होंने
कहा कि राज्य
मुख्यालय शिमला में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी और शीघ्र ही इसकी आधारशिला रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र
सिंह राज्य के युवाओं के कौशल विकास
तथा उन्हें रोजगार
सुनिश्चित बनाने को लेकर संवेदनशील
हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के कुशल युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए बाजारों का विश्लेषण करने
के उद्देश्य से एक प्रयोजन सलाहकार
समिति का पहले ही गठन किया जा चुका है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उद्यमिता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए
और उद्यमिता विकास
के लिए अलग से कौशल केन्द्र
खोलने के प्रयास किए जाएंगे तथा इन्हें उद्योग
विभाग के स्टार्ट-अप कार्यक्रम से संबद्ध किया
जाएगा।
योजना
सलाहकार अक्षय सूद ने कहा कि युवाओं को रोजगार के लिए राष्ट्रीय
स्तर पर स्पर्धा
करनी होती है, इसलिए राज्य सरकार उच्च मानकयुक्त प्रशिक्षण
प्रदात्ता एवं कम्पनियों द्वारा गुणवत्ता
प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने की ओर अग्रसक्रिय
है। उन्होंने
कहा कि प्रदेश
के 1600 युवाओं को विभिन्न व्यावसायों
में प्रशिक्षण प्रदान
करवाया जा चुका है और इनमें से
30 प्रतिशत युवाओं को नौकरी भी प्रदान करवाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य
के 50 एससीवीटी मान्यता प्राप्त आईटीआईअब राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद से संबद्ध किए जा चुके हैं और मानकों के अनुसार उपकरण भी उपलब्ध करवाए
गए हैं। ऊना जिला में मॉडल
केरियर सेंटर स्थापित किया गया है और सभी जिलों
में इस तर्ज
पर सैंटर स्थापित
किए जाएंगे।एचपीकेवीएन के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, एचपीकेवीएन की महाप्रबन्धक श्रीमती
सक्सेना और भुवन शर्मा
भी इस अवसर
पर उपस्थित थे।
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