चित्तौडग़ढ़। श्री राजपूत करणीसेना ने जौहर स्वाभिमान सम्मेलन के जरिये जोरदार हूंकार भरी। राजपूत समाज के साथ हो रहे अन्याय और अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही फिल्मों के जरिये जो इतिहास को तोड़-मरोडक़र परोसा जा रहा है, इसके लिए राजपूत समाज कानून का सहारा लेगा और जरूरत पड़ी तो राजपूत समाज आर-पार की लड़ाई को भी तैयार है। शहर की एक वाटिका में आयोजित जौहर स्वाभिमान सम्मेलन में श्री राजपूत करणी सेना के सरंक्षक लोकेन्द्रसिंह कालवी ने कहा कि कहा मेवाड़ की भूमि पवित्र है। यहां पर कई रणबांकुरे हुए हैं। मेवाड़ का इतिहास मेवाड़ ही नहीं, राजस्थान का इतिहास गौरवशाली इतिहास है और इतिहास के साथ की जा रही छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सम्मेलन में शेर सिंह राणा ने कहा कि भाग्यशाली लोग राजपूत समाज में पैदा होते है। हिंदुस्तानी होने पर गर्व होना चाहिए। रानी पद्मिनी पर बन रही फिल्म को लेकर संजय लीला भंसाली के खिलाफ न्यायलय में शरण ली जाएगी और जरूरत पड़ी तो आंदोलन किया जाएगा। [@ 27 लाख की यह कार साढ़े 53 लाख में हुई नीलाम, जानें क्यों हुआ ऐसा]
सम्मेलन में सवाई माधोपुर विधायक दीया कुमारी, पूर्व संसदीय सचिव गजेन्द्रसिंह शक्तावत, जिला परिषद सदस्य हनुमंत सिंह बोहेड़ा, जौहर स्मृति संस्थान के अध्यक्ष उम्मेदसिंह धौली, जितेन्द्रसिंह राठौड़, प्रधान प्रवीणसिंह राठौड़ सहित समाज के कई गणमान्य मौजूद रहे।
युवाओं के सहारे राजनीतिक जड़ों को पोषण
जौहर स्वाभिमान सम्मेलन में शेरसिंह राणा को प्रोजेक्ट करना चित्तौडगढ़़ जिले में राजपूत युवा वर्ग को मैन स्ट्रिम राजनीति से जोडऩे की कवायद है। पूरी रैली में युवा वर्ग का बहुतायत में होना और जिले के बड़े ठिकानेदारों का शामिल न होना भी इसी ओर इशारा कर रहा है। हालांकि युवा वर्ग को संगठित करने की कवायद इसलिए भी चल रही है कि श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना समान्तर संगठन बनाकर पूर्व में शक्ति प्रदर्शन कर चुकी है और इस सेना से जुड़े पदाधिकारी वर्तमान विधायक की आंख की किरकीरी बने हुए है। ऐसे में विधायक का बेकडोर से रैली को समर्थन देना राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा भी माना जा रहा है कि शेरसिंह राणा के चेहरे को युवाओं को लुभाने का जरिया बनाया गया है। इतिहास में झांककर देखे तो लोकेन्द्रसिंह कालवी अन्य जिलों के मुकाबले चित्तौडगढ़़ में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। इससे पूर्व में भी कई ऐसे मौके आए हैं, जब लोकेन्द्रसिंह कालवी राजनीतिक जमीन तलाशते नजर आए हैं। कार्यक्रम में सवाई माधोपुर विधायक दीया कुमारी को भी बुलाना नए कयासों को जन्म दे रहा है। हाल ही में राजमहल प्रकरण में मुख्यमंत्री के विरोध में मुखर हुई दीया कुमारी को रैली में शामिल कर राजपूतों को लामबंद करने का प्रयास माना जा रहा है।
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