अलेप्पो। अलेप्पो में चल रहे खूनी संघर्ष का आखिरकार अंत हो गया और अलेप्पो पर सीरिया की सेना का पूर्ण नियंत्रण हो गया। अलेप्पो को विद्रोहियों से पूरी तरह खाली कराने के बाद सीरियाई सेना ने इसकी घोषणा की। गौरतलब है कि यहां वर्ष 2011 से गृह युद्ध चल रहा था। वहीं पिछले एक माह से इस गृह युद्ध ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया था। खूनी संघर्ष के चलते पिछले एक माह में पूर्वी अलेप्पो में जो नुकसान हुआ, वह बीते छह सालों की तबाही में सबसे भयानक रहा। [@ पीएमओ भी जाती हैं हजारों की संख्या में प्रदेश से शिकायतें]
इस संघर्ष में करीब तीन लाख दस हजार से ज्यादा लोगों की जानें गई। ज्ञातव्य है कि इससे पहले रेड क्रॉस ने बाकी बचे चार हजार से ज्यादा विद्रोहियों को खदेडने की बात कही थी। अलेप्पो पर कब्जे के साथ ही सीरियाई सरकार का होम्स, हमा, दमिश्क और लताकिया पर नियंत्रण हो गया है। सीरियाई सरकार के लिए यह सबसे बडी जीत है।
ज्ञातव्य है कि इस खूनी संघर्ष को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तनाव का माहौल पैदा हो गया था। खासतौर पर रूस और अमेरिका के बीच। राष्ट्रपति असद के हवाले से स्टेट न्यूज एजेंसी सना ने कहा है कि अलेप्पो की आज़ादी सीरिया की ही नहीं बल्कि उन सबकी जीत है जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अपना योगदान दिया, विशेषकर रूस और ईरान।
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