मंडी। वसुधा संस्था के अध्यक्ष सूरज धीमान ने भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को पत्र लिख कर कहा कि शिमला से राजधानी को स्थानंतरित कर सुंदरनगर स्थापित किया जाए। वसुधा संस्था के अध्यक्ष सूरज धीमान का कहना है कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की हालत दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। ऐतिहासिक शहर में पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत अनियोजित गतिविधियों, पर्यटन संसाधनों पर दबाव, बेतरतीब विकास, उपनियमों की कमी, यातायात अव्यवस्था, बेतरतीब निर्माण से ग्रस्त है और स्थानीय लोगों में जागरूकता कि कमी भी साफ़ जाहिर होती है। [@ 27 लाख की यह कार साढ़े 53 लाख में हुई नीलाम, जानें क्यों हुआ ऐसा]
यह शहर दुनिया भर में अपनी अनूठी विरासत और ख़ूबसूरती के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है लेकिन जो हालत आज शिमला के हो गए है उसे देखकर यह कहने में जरा भी संदेह नहीं लगता है की यह शहर अपना अस्तित्व आने वाले समय में बचा सके। ब्रिटिश भारत के दौरान अंग्रेजों ने शिमला को राजधानी अपने आराम के लिए बनाया था। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के नेरढांगू में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण करने से राजधानी को जोड़ा जा सकता है। सुंदरनगर प्रदेश के केंद्र में स्थित होने के साथ-साथ उत्कृष्ट मॉडल स्थान पर है जिसका लाभ प्रदेश के लोगों को हो सकता है।
सुंदरनगर में भौगोलिक बाधाएं न के बराबर है और मौसम के लिहाज़ से भी अति उत्तम स्थान है सभी जिला मुख्यालयों से समान दूरी पर स्थित है। भूमि, पानी की कोई कमी नहीं है। नई राजधानी को पूरी तरह जापान के शहरों के जैसे भूकंप रोधी बनाया जा सकता है। पहले भी यह मांग उठती रही लेकिन राजनितिक कारणों से यह नहीं हो पाया।
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