इसके साथ ही उन्हें
एक लेखा परिक्षक की नियुक्ति, बीसीसीआई प्रशासन के गाइड की नियुक्ति की
ताकत देने के लिए भी कहा।
समिति ने अपनी यथास्थिति रिपोर्ट में बीसीसीआई के अधिकारियों द्वारा लगातार
सिफारिशों को न मानने का भी जिक्र किया है।
अदालत को पेश की गई अपनी
याचिका में लोढा समिति ने कहा, बीसीसीआई और उसके राज्य संघों के
पदाधिकारियों को पैरा-4 में मानदंडों के आधार पर सीधे तौर पर अयोग्य घोषित
किया गया था, लेकिन इसके बाद भी वे सभी नियमित रूप से कार्यालय जा रहे हैं।
पैरा-4 में वर्णित आदेश के अनुसार, 70 वर्ष से अधिक आयु के, मंत्री पद या
किसी सरकारी पद पर नियुक्त, किसी भी खेल इकाई में पदस्थ तथा लगातार नौ वर्ष
से बीसीसीआई में नियुक्त या अदालत द्वारा किसी आपराधिक मामले में
संलिप्तता का आरोपी व्यक्ति बीसीसीआई के पद के अयोग्य होगा।
(आईएएनएस)
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