नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस जेएस खेहर को भारत का प्रधान न्यायाधीश बनाए जाने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायिक पारदर्शिता और सुधारों के लिए काम करने वाले एक वकील संगठन की इस याचिका में कहा गया था कि जस्टिस खेहर उस संविधान पीठ के अध्यक्ष थे, जिसने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को असंवैधानिक करार दिया था। इस फैसले से उन्होंने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर अपनी नियुक्ति का रास्ता साफ कर लिया। [@ छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला को सरेआम पीटा, वीडियो वायरल]
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई में याचिकाकर्ता की इस दलील को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि जस्टिस खेहर को अगला प्रधान न्यायाधीश बनाए जाने का निर्णय मौजूदा चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर के अकेला का नहीं था, बल्कि नियुक्ति पर गठित कोलेजियम में उनके अलावा चार दूसरे वरिष्ठ जज भी शामिल थे।
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