उनकी लाशों पर हमने महल बना लिया ।हमें तो बस जेबें भारी करने से जूनून है।।
कोटा। ये पंक्तियां कोटा शहर के कोचिंग सेंटर्स के लिए बिल्कुल सही साबित होती हैं। जहां देशभर के बच्चे अपना भविष्य बनाने जाते हैं, लेकिन मौत को गले लगा लेते हैं। फिर भी यहां के कोचिंग सेंटर्स अपने धंधे में दिन दूनी रात चौगुनी कर रहे हैं। यहां सवाल ये उठता है कि कोटा के कोचिंग में एडमिशन लेने के बाद आखिर ऐसा क्या माहौल बनाया जाता है कि इनके छात्र और छात्राएं खुदकुशी करने को मजबूर हो जाते हैं। पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्यादातर बच्चों ने खुदकुशी पढ़ाई में तनाव की वजह से की है। लेकिन केवल कोटा में ही विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स खुदकुशी क्यों करते हैं। मेडिकल, इंजीनियरिंग वगैरह की तो पूरे देश के बच्चे विभिन्न शहरों के कोचिंग में तैयारियां करते हैं। लेकिन केवल कोटा में ही ऐसा माहौल क्यों है इसकी वजह शायद ही मालूम हो।
बिल गेट्स ने लिया मोदी का इंटरव्यू: PM बोले-भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में डीपफेक एक बड़ी चिंता
'बहुत सकून मिला है', अंसारी की मौत के बाद पीड़िता का बयान
पांच डॉक्टरों का पैनल करेगा मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम, शाम को सुपुर्द-ए-खाक किया जा सकता है
Daily Horoscope