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दोषियों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई : अग्निहोत्री

Strict action will be on the culprits: Agnihotri - Shimla News in Hindi

शिमला। राज्य सरकार प्रदेश में खनन क्षेत्र के युक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सरकार द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं तथा कानूनी ढांचे को भी और मजबूत किया जा रहा है। यह जानकारी आज यहां उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2013 में खनिज नीति में संशोधित किया था और इसमें प्रावधान किया गया कि लोक निर्माण विभाग, सिंचाई व जन स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग आदि की संपत्ति को नुकसान पहुंचने की स्थिति में प्राथमिकी दर्ज करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस नीति को और ज्यादा यथार्थवादी तथा व्यावहारिक बनाने के लिए हिप्र रिवर/ स्ट्रीम बेड मिनरल पॉलिसी गाइडलाइन्स.2004 को इसमें शामिल किया गया है।
अग्निहोत्री ने कहा कि रेतए पत्थरए बजरी इत्यादि की बढ़ती मांग को देखते हुए लघु खनिज स्थलों की नीलामी पारदर्शिता के साथ की जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल अवैध खनन पर अंकुश लगा हैए बल्कि इससे राज्य कोष को भी राजस्व अर्जित हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सालाना नीलामी के आधार पर 35.86 करोड़ रुपये की क्षमता वाले 47 खनन स्थलों की नीलामी की है। उन्होंने कहा कि शेष जिलों में खनन स्थलों की नीलामी प्रक्रिया अभी चालू है और बाकी खदानों की नीलामी निकटतम भविष्य में की जाएगी। सरकार के इस प्रयास से न केवल प्रदेश के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी बल्कि अवैध खनन पर भी रोक लगेगी ताकि ऐसे संभावित स्थल अवैध खनन का शिकार न हो। अग्निहोत्री ने कहा कि आवेदकों को खनन छूट उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार आशय पत्र जारी करेगी जो आवेदकों को पर्यावरण मंजूरी में सहायक सिद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि ज्यादातर यह देखा गया है कि अवैध खनन की ढुलाई रात के समय में की जाती हैए इसलिए सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में खनिजों की आवाजाही पर रात्रि 8 बजे से सुबह 6 बजे रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि इसी तरह प्रदेश में 150 अवैध मार्गों को चिन्हित कर उपरोक्त अवधि के दौरान अवैध खनन को रोकने के लिए अवरूद्ध किया गया है। अग्निहोत्री ने कहा कि एक नये लघु खनिज नियम.2015 अधिसूचित किये गए है, जिससे लघु खनिजों के खनन का युक्तिकरण किया जा सके। इसके अलावा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए विभिन्न उल्लंघनों पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के वर्तमान काल में 29371 अवैध खनन के मामले पकड़े गए, जिसमें 14.56 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया। जबकि पूर्व राज्य सरकार के पांच साल की अवधि में केवल 16.376 मामले पकड़े गए, जिसमें केवल 4.94 करोड़ रुपये का ही जुर्माना वसूला गया।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त 25 जेसीबी, 17 ट्रक तथा 10 ट्रैक्टर भी इस अवधि में जब्त किए गए तथा इनके मालिकों पर जुर्माना लगाया गया। अग्निहोत्री ने कहा कि अवैध खनन की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए खनन अधिनियमों के अंतर्गत अधिकारों की शक्तियां विकेंद्रीकृत की गई है। राज्य सरकार ने राजस्वए लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग, उद्योग, खंड विकास कार्यालयए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय आदि विभिन्न विभागों के 39 अधिकारियों को इसके लिए अधिकृत किया है। अग्निहोत्री ने कहा कि अवैध खनन पर अंकुश लगाने तथा जवाबदेही के लिए उद्योग विभाग ने जांच तथा रिपोर्टिंग प्रणाली बनाई है, जिसमें अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए विभाग के प्रत्येक अधिकारी को नियमित रूप से क्रशर तथा खनन स्थलों का निरीक्षण करना होगा तथा इस संबंध में उच्च अधिकारियों को की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होगी।
उन्होंने कहा कि खनन विभाग के प्रत्येक अधिकारी की भूमिका निर्धारित की गई है तथा अपनी जिम्मेवारियों का पालन न करने की स्थिति में ऐसे अधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, निदेशालय स्तर पर प्रत्येक फील्ड अधिकारी की भूमिका तथा प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। अग्निहोत्री ने कहा कि सभी उपायुक्तों को अवैध खनन के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा करने के लिए सभी अधिकृत अधिकारियों की मासिक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त सभी उपायुक्तों को हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभागए राजस्व तथा वन विभाग के अधिकारियों की समितियां गठित करने के निर्देश दिए गए हैं क्योंकि ऐसा पाया गया है कि नदियों के किनारों से जुड़े मार्गों पर वन भूमिध्सरकारी भूमि पर ही अवैध खनन होता है तथा इससे निकाले गए खनिजों को लोक निर्माण विभाग की सड़कों के किनारे भंडारण किया जाता है।
उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए गए है कि राज्य विद्युत परिषद लिमिटेड के अधिकारी सुनिश्चित बनाएंगे कि बिजली की चोरी की संभावनाओं को खत्म करने के लिए क्रशर इकाइयों का मूल्यांकन ट्रांसफॉर्मरध्उपकेंद्र के स्तर पर किया जाए। सभी उपायुक्तों को आकस्मिक निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं, ताकि क्रशर मालिकों द्वारा डीजल युक्त सेटों का अवैध उपयोग न हो।

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Web Title-Strict action will be on the culprits: Agnihotri
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