मंडी। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरूवार को रेहड़ी फड़ी यूनियन की
याचिका को मंजूर करते हुए मंडी नगर परिषद को आदेश दिया है कि वर्ष 2013 की अधिसूचना के मुताबिक जिस स्थान पर रेहड़ी फड़ी वालों को जगह दी गई है, वह स्थिति बहाल रखी जाए तथा इसमें कोई फेरबदल न किया जाए।
सीटू से संबद्ध रेहड़ी फड़ी यूनियन ने नगर परिषद द्वारा बार -बार शहर में रेहड़ी
फड़ी वालों को उठाने व तंग किए जाने के खिलाफ मंगलवार को ही प्रदेश उच्च न्यायालय में
याचिका दायर की थी। इसमें स्ट्रीट वैंडर्स एक्ट 2014 का हवाला देते हुए रेहड़ी फड़ी वालों को स्वरोजगार के लिए दी गई जगहों को बरकरार
रखने की अपील की गई थी। यह मामला गुरूवार को ही सुनवाई के लिए लग गया।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मंसूर अहमद ने आदेश दिए कि वहां पहले वाली व्यवस्था को बनाए रखा जाए तथा जहां पर रेहड़ी फड़ी वाले अपना
स्वरोजगार कर रहे हैं, उन्हें परेशान न किया जाए। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी आदेश
दिया है कि यदि नगर परिषद को उस जगह पर कोई निर्माण करना है या फिर किसी और कार्य के लिए उसे प्रयोग करना है तो वहां से रेहड़ी फड़ी हटाने से पहले न्यायालय से मंजूरी ली जाए।
अदालत ने नगर परिषद से प्रश्न भी किया कि जहां निर्माण के नाम पर रेहड़ी फड़ी
वालों को हटाया गया है, क्या वहां कोई काम हुआ भी है कि नहीं? न्यायालय ने नगर
परिषद को अपना पक्ष रखने के लिए दस दिन का समय दिया है।
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मुहर
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