बीकानेर। वेटरनरी विश्वविद्यालय की कुक्कुट शाला में ‘कुक्कुट प्रबंधन के विभिन्न आयाम’ विषय पर पशु विविधकरण सजीव मॉडल के तहत तीन दिवसीय पशुपालन प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ। शिविर का उद्घाटन प्रसार शिक्षा के निदेशक प्रो. आर.के. धूडिय़ा ने किया। उन्होंने शिविर में गैर सरकारी संगठन ‘व्रुति’ के तहत आए पशुपालकों के साथ आपसी संवाद करते हुए कुक्कुट पालन की महत्ता बताई। कार्यक्रम का संचालन पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग की प्रभारी प्रो. बसन्त बैस ने करते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण में पहली बार राज्य से बाहर मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के पशुपालक शामिल हुए हैं। डॉ. छोटे सिंह ढाका ने पशुपालकों को मुर्गीपालन से आर्थिकलाभ प्राप्त करने के विभिन्न उपायों के बारे में बताया। अपरान्ह सत्र में डॉ. दिनेश जैन ने कुक्कुट आहार प्रबंधन, डॉ. अरुण कुमार ने अंडों के संरक्षण एवं ग्रेडिंग विधियों की जानकारी दी। पशुपालकों को डॉ. लोकेश टाक, डॉ. संजय सिंह ने कुक्कुट शाला का भ्रमण करवाकर एमू, बटेर, बतख, खरगोश, मछली पालन के वैज्ञानिक उपायों के बारे में बताया। [@ यहां एक मुस्लिम ने दी थी गायों की रक्षा में जान] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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