नई दिल्ली। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पूर्व सीबीआई ने अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत को स्टिंग मामले में अपने घेरे में ले लिया है। सीबीआई ने उस सिलसिले में गुरुवार को स्टिंग जांच के सिलसिले में हरीश रावत को समन भेजा है। जांच एजेंसी ने रावत को सोमवार को पूछताछ के लिए तलब किया है।
बता दें कि बागी विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त में खुद की संलिप्तता दिखाने वाली स्टिंग सीडी को ‘फर्जी और गलत’ बताने वाले रावत ने पिछले दिनों उसमें अपनी मौजूदगी और आवाज होने की बात को माना था, लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि वीडियो का एक ही हिस्सा दिखाया जा रहा है जो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है। उन्होंने कहा था कि यह सब भाजपा के आपराधिक षडयंत्र का हिस्सा था और वह जेल जाने को तैयार हैं। इस कथित स्टिंग की सीडी में हरीश रावत को लेन-देन की बात करते दिखाया गया है।
रावत ने आरोप लगाया कि स्टिंग सीडी प्रकरण और उसकी सीबीआई जांच भाजपा की उनकी सरकार गिराने की साजिश का एक हिस्सा थी और इस मामले में वह जेल जाने सहित उनका हर अत्याचार सहने को तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि एक आपराधिक षडयंत्र के तहत सीडी प्रकरण व सीबीआई जांच को लेकर राजनीति की जा रही है।
कांग्रेस इस मामले में सीबीआई जांच का विरोध कर रही है। कांग्रेस की मांग है कि स्टिंग प्रकरण की जांच हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कमिशन करे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने राज्यपाल से कहा था कि तथाकथित सीडी प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की जानकारी मिली है, लेकिन हमें उस पर भरोसा नहीं है।
बता दें कि उत्तराखंड में बागी विधायकों और सियासी संकट के बाद 27 मार्च को केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। इसको लेकर अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। मामले में शुक्रवार को भी सुनवाई होनी है।
यह है पूरा मामला-
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