शिमला। हिमाचल प्रदेश का सेना में सेवाएं
प्रदान करने का एक विस्तृत इतिहास है। हिमाचली सिपाही अपने शौर्य, अदम्य साहस एवं धैर्यशीलता के लिए जाने जाते
हैं। मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन विक्रम बत्रा तथा लै. सौरभ कालिया, कारगिल युद्ध में टाईगर हिल पोस्ट में जीत
हासिल करने वाले राईफल मैन संजय कुमार, प्रथम परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा सहित अन्य अनेक वीर
जवानों ने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है।
राज्य में 31 अक्तूबर,
2016 तक गणना के आधार
पर 1,10,202
पूर्व सैनिक (ईएसएम), 1050 युद्ध विधवाएं तथा 33099 सैनिक विधवाएं हैं। राज्य सरकार इनके कल्याण
एवं सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने ईएसएम, युद्ध विधवाओं, विकलांग सिपाहियों तथा उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 15 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की
है। पिछले साढ़े तीन वर्षों के दौरान राज्य में 1250 ईएसएम को तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के पदों में रोजगार सहायता प्रदान की गई।
इसी प्रकार केन्द्र में राज्य के 150 ईएसएम को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्तियां प्रदान की गई।
प्रदेश सरकार, भारत सरकार द्वारा पुरस्कारों की अधिसूचना प्राप्त होने पर वीरता पुरस्कार
विजेताओं को नकद पुरस्कार,
भूमि के एवज़ में नकद राशि तथा वार्षिक
पुरस्कार प्रदान कर रही है। राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों के दौरान पुरस्कारों के
रूप में 4.96
करोड़ रुपये की राशि वितरित की है, जबकि चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 अक्तूबर, 2016 तक 27.17 लाख रुपये वितरित किए गए हैं।
हिमाचल सरकार 60 वर्ष की आयु पूरा करने वाले, जिनकी वार्षिक
आमदनी 35
हजार रुपये से कम है, ईएसएम/विधवाओं को प्रतिमाह 500 रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है।
द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों को 3000 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। इस पर पिछले तीन वर्षों के दौरान 12.68 करोड़ रुपये, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान अभी तक 1 करोड़ 42 लाख 35
हजार रुपये की राशि प्रदान की गई है।
राज्य सरकार ने शहिदों के आश्रितों तथा
विकलांग सिपाहियों को प्रदान की जाने वाली अनुग्रह अनुदान राशि में 25 मई, 2015 से बढ़ौतरी की है। गत चार वर्षों के दौरान
राज्य के 145
लाभार्थियों को अनुग्रह अनुदान प्रदान किया
गया है। इस पर गत तीन वर्षों के दौरान 1.72 करोड़ रुपये की राशि तथा चालू वित्त के दौरान 31 अक्तूबर,
2016 तक 28.35 लाख रुपये वितरित किए गए हैं।
पिछले तीन वर्षों के दौरान पूर्व सैनिकों/
सेवारत सैनिकों की पत्नियों, बेटियों तथा
विधवाओं को कटाई तथा सिलाई प्रशिक्षण देने हेतु मुख्यमंत्री की ईएसएम कल्याण निधि
से 6.69
लाख रुपये की राशि वितरित की गई है। राज्य
सरकार द्वारा इस अवधि के दौरान 11 व्यावसायिक
प्रशिक्षण केन्द्र खोले गए हैं, जिनमें 159 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया
गया।
राज्य सरकार द्वारा झण्डा दिवस निधि से
जरूरतमंद पूर्व सैनिकों,
विकलांग पूर्व सैनिक और उनकी विधवाओं, जो किसी भी प्रकार की पेंशन नहीं लेते हैं, को 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। गत तीन वर्षों के दौरान 205 और चालू वित्त वर्ष में 31 अक्तूबर, 2016 तक 110 पात्र व्यक्तियों ने इस योजना का लाभ लिया है। राज्य सरकार ने गत तीन वर्षों
में 9.67
लाख रुपये तथा चालू वित्त वर्ष में 31 अक्तूबर, 2016 तक 5.50 लाख रुपये आवंटित किए हैं।
इन सुविधाओं के अलावा राज्य सरकार द्वारा
वीरता पुरस्कार व युद्ध विधवाओं को हिमाचल पथ परिवहन निगम की डीलक्स और साधारण
बसों में राज्य के अंदर निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस
सम्बन्ध में वीरता पुरस्कार विजेताओं को 41 और युद्ध विधवाओं को 30
बस पास जारी किए गए। हिमाचल प्रदेश सरकार
द्वारा वित्त वर्ष 2013-14
तथा 2014-15 के दौरान एचआरटीसी को इन सुविधाओं के लिए 49,68,000 आवंटित किए गए।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उन माता-पिता,
जिनके बच्चों ने आपातकाल में सेवा की है, को युद्ध जागीर के रूप में 5000 रुपये सालाना की
राशि देने का प्रावधान किया है। राज्य सरकार ने गत तीन वर्षों में 1.31 करोड़ रुपये तथा चालू वित्त वर्ष में 43.65 लाख रुपये आवंटित किए हैं।
प्रदेश सरकार ने गत तीन वर्षों के दौरान
पैरापलेजिक केन्द्र किरकी (पुणे) व मोहाली में हिमाचल प्रदेश के दाखिल भूतपूर्व
सैनिकों के चिकित्सा उपचार के लिए 16.15 लाख रुपये की राशि आवंटित की, जबकि चालू
वित्तीय वर्ष के दौरान अभी तक 6 लाख रुपये
आवंटित करने का प्रावधान किया गया है। इस योजना का लाभ गत साढ़े तीन वर्षों के
दौरान 26
लाभार्थियों को प्रदान किया जा चुका है।
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान हिमाचल के 24 सैनिक विश्राम गृहों की मुरम्मत और रख-रखाव
के लिए दो करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए 50 लाख रुपये आबंटित किए हैं। धर्मशाला में युद्ध स्मारक संग्रहालय के निर्माण के
लिए वित्तीय वर्ष 2015-16
में तीन करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2016-17 में पांच करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई
है।
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