आपको बता दें कि हाल ही शीर्ष अधिकारियों के पास कुछ शिकायतें आई थीं। जिसमें इस बात का जिक्र था कि विभाग ने एक शिक्षक को नई ऑनलाइन तबादला नीति के तहत जो स्कूल अलॉट किया था। वह शिक्षक उस स्कूल में ज्वोइन तो कर गया। मगर बाद में उस शिक्षक ने डेपुटेशन पर और किसी स्कूल की तरफ रुख कर लिया। अधिकारियों ने इन शिकायतों की जांच आरंभ की तो पता चला कि जो डेपुटेशन सरकार की स्वीकृति के बिना नहीं होनी चाहिए। वह डेपुटेशन जिले के शिक्षा अधिकारी पक्षपात कर अपने स्वयं के जोखिम पर बाहरी अधिकारों का प्रयोग कर कर रहे हैं। फिलहाल स्कूल एजुकेशन के संयुक्त सचिव विरेंद्र सिंह ने इन आदेशों को अवैध करार दे दिया है। [@ 27 लाख की यह कार साढ़े 53 लाख में हुई नीलाम, जानें क्यों हुआ ऐसा]
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