अमृतसर। पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान सुखबीर बादल ने निजी रूचि लेकर अमृतसर को वल्र्ड -क्लास सिटी बनाने के लिए जितनी मेहनत की है उससे ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस बार वह या उनके परिवार का कोई सदस्य अमृतसर की ईस्ट विधान सभा से चुनाव लड़ सकते है। क्योंकि विकास का यह अंदाज वैसा ही है जैसा की हरसिमरत को बठिण्डा से चुनाव लड़ाने के समय था।
इन दो-तीन वर्षों के दौरान सुखबीर के ड्रीम प्रोजेक्ट्स ने अमृतसर की काया ही पलट कर दी है। बेशक राज्य का सर्वांगीण विकास राज्य सरकार का कर्तव्य होता है परन्तु जब विकास का फोकस क्षेत्र विशेष की ओर हो तो संदेह होना स्वाभाविक ही हो जाता है। ऐसी ही परिस्थतियां इन दिनों अमृतसर के विकास को लेकर बनी हुई हैं। क्योंकि पिछले दो-तीन वर्ष के दौरान राज्य सरकार विशेष कर उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल अमृतसर के विकास में विशेष रूचि ले रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री ने निजी रूचि लेकर और अपनी विशेष देखरेख में जिस कड़ी मेहनत के साथ अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को अमृतसर की धरती पर उतारा है उससे ऐसी आशंका उत्पन्न हो रही है की बह इस बार शायद अमृतसर ईस्ट से चुनाव लडऩे के मूड में हैं। सुखबीर ने स्वर्णमंदिर, दुर्गियाना मंदिर ,रामतीर्थ का सौंदर्यीकरण, पानी की बस ,मेट्रो बस, हेरिटेज विलेज ,शहर के प्रवेश द्धारों का निर्माण, फ्रीडम फाइटर गैलरी, आधा दर्जन पुल और वेस्ट प्लांट जैसे दर्जनों प्रोजेक्ट्स को निजी रूचि लेकर समय से भी पहले पूर्ण करवाया है।
इन प्रोजेकटों की देखरेख के लिए वह हर तीसरे दिन अमृतसर में उपलब्ध होते थे। उपमुख्यमंत्री अगर यह विकास केवल स्वर्णमंदिर के आस-पास ही करवाते तो बात समझ में आती थी। क्योंकि उससे यह समझा जाता की वह ऐसा कर सिख संगतों को लुभाने के लिए कर रहे है। परन्तु उन्होंने सभी धर्मों और वर्गों के स्थानों का विकास करवाकर उन्हें खुश करने का प्रयास किया है।
सुखबीर ने दुर्गयाना तीर्थ के विकास के लिए पैसा देकर अगर हिंदुओं को खुश किया है तो दूसरी और रामतीर्थ का विकास करवाकर वाल्मिकी समुदाए का मन भी जीत लिया है। अकाली सरकार जितना रुपया अमृतसर के विकास पर खर्च किया गया है उतना शायद पूरे पंजाब के विकास पर भी खर्च ना हुआ हो। सुखबीर और बादल सरकार द्धारा इस अंदाज में अमृतसर के विकास पर लुटाया जा रहा रुपैया बटिंडा की याद दिलाता है।
पिछले कार्यकाल में बादलों ने पंजाब के विकास का सारा फंड बटिंडा में झोंक दिया था। क्योंकि वहां से हरसिमरत कौर को लोकसभा चुनाव में उतरने की योजना थी।
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