अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। इलाहाबाद में नामांकन प्रक्रिया
पूर्ण होते ही असली फजीहत शुरू हो गई है। भाजपा-अद गठबंधन की रार जगजाहिर होने के
बाद अब सपा-कांग्रेस गठबंधन भी परेशानी में है। इलाहाबाद की 12 विधानसभा सीटों में
से 4 सीटें कांग्रेस को मिली हुई हैं। लेकिन शहर उत्तरी विधान सभा सीट छोड़कर अन्य
दो सीट पर सपा के प्रत्याशी भी नामांकन कर मैदान में आ गये हैं। शहर उत्तरी,
कोरांव व सोरांव सीट पर कांग्रेस ने गठबंधन के तहत अपने प्रत्याशी उतारे हैं और
सभी सीटो से घोषित प्रत्याशियों ने नामांकन भी कर दिया है।लेकिन आश्चर्यजनक तरीके
से शहर पश्चिमी, कोरांव व सोरांव सीट पर समाजवादी पार्टी से भी प्रत्याशी नामांकन
कर चुके हैं। अब क्या दोनों दलो के बीच हुआ गठबंधन टूटेगा ? य फ्रेंडली फाइट होगी
? एक रास्ता यह भी हो सकता है कि नामांकन वापसी के दिन आधिकारिक तौर पर सपा या
कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को हथियार डाल देने को कहे।
शहर पश्चिमी
में ये हैं आमने सामने
इलाहाबाद की शहर पश्चिमी विधान सभा सीट गठबंधन में सपा के हिस्से में आयी। शहर
पश्चिमी की सीट पर सपा ने पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह को टिकट दिया है। ऋचा
ने नामांकन भी कर दिया लेकिन बाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तस्लीमुद्दीन ने भी
नामांकन कर गठबंधन में दरार डाल दी। तस्लीमुद्दीन का कहना है कि मैं पार्टी
के कहने पर चुनाव लड़ने आया हूं।
कोरांव
विधान सभा
इलाहाबाद के यमुनापार कोरांव की सीट गठबंधन में कांग्रेस को मिली इस सीट पर
कांग्रेस ने राम कृपाल कोल को प्रत्याशी बनाया और कोल ने इस सीट पर नामंकन भी
पार्टी सिम्बल से कर दिया है। लेकिन गठबंधन में दरार बने रामदेव निडर ने सपा की ओर
से नामांकन कर दिया। यहां भी इसे सपा आलाकमान का आदेश माना जा रहा है।
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