चंडीगढ़। पिछले वर्ष जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा में हजारों करोड़ का नुकसान हुआ था। इसके अतिरिक्त कई युवा जाट आरक्षण आंदोलनकारी युवाओं को भी जान से हाथ धोना पड़ा था। इस वर्ष पुन: जाट आरक्षण आंदोलनकारी अपनी कई मांगों के साथ पुन: सडक़ों पर है। हालांकि आंदोलन को सोमवार को दूसर दिन है और अभी तक कहीं से कोई हिंसा की खबर नहीं है। माना जा रहा है कि इसका कारण है सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस बार पूरी मुस्तैद है। जाट आरक्षण आंदोलनकारी फिर से किन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहें है इसी को हमने समझने का प्रयास किया। आंदोलनकारियों की जो मुख्य मांगें है उनमें [@ सावधान हो जायें अब भ्रस्ट अफसर] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
- केन्द्र और राज्य में जाटों को आरक्षण दिया जाए।
- फरवरी 2016 के आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार वालों और घायलों को मुआवजा दिया जाए। मारे गए लोगों के आश्रितों को नौकरी दी जाए।
- दर्ज किए गए मुकदमे वापस लिए जाएं।
- दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए।
- सांसद राजकुमार सैनी की स्पीच की जांच करने के बाद उनकी संसद से मेंबरशिप रद्द की जाए।
- आंदोलन के दौरान जेल भेजे गए जाटों को रिहा किया जाए।
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