टोंक। पद्मश्री प्राप्त अर्जुन प्रजापति ने कहा हैं कि यदि कला एवं कलाकार को जिन्दा रखना हैं तो कला के क्षैत्र में हो रहे राजनैतिक हस्तक्षेप को बन्द करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि राजनैतिक हस्तक्षेप बन्द नही हुआ तो वह दिन दूर नही जब न तो कलाकार होगा न ही कला।
प्रजापति शुक्रवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चित्रकला विभाग के तत्वाधान में आयोजित शिल्प एवं शिल्पकार, वर्तमान चुनौतियां विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उदघाटन सत्र में मुख्यअतिथि पद से बोल रहे थे,जिन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि वर्तमान में क लाकारों का सम्मान नही हो रहा बल्कि पुरस्कार बेचे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शौरूम चलाने वाले को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल जाता है और कलाकार पुरस्कार से वंचित रह जाता है। उन्होनें कहा कि गलत तरीकों से एण्ट्री करने वाले फ र्जी कलाकार राष्ट्रीय पुरस्कार ले जाते हैं लेकिन जो असली कला के पुजारी हैं उन्हें राज्य पुरस्कार तक भी जीवन पर्यन्त नहीं मिल पाता है जिससे प्रतिभा की उपेक्षा होती हैं।
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