राजसमंद। हिंदुस्तान जिंक की एसके सिंदेसर खुर्द माइंस में एलएंडटी कंपनी की साइट पर क्रेन गिरने से तीन श्रमिकों की मौत के बाद प्रशासन ने आधी रात में ही तीनों शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया। परिजनों की मौजूदगी न होने के बावजूद दरीबा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पोस्टमार्टम कराया गया। इधर बुधवार सुबह भी तहसीलदार कालूराम रैगर के नेतृत्व में पुलिस जाब्ता मौके पर तैनात रहा। बुधवार सुबह शवों को उनके गांव भिजवा दिया गया। इनमें एक शव कार से और दो शव फ्लाइट से भेजे गए।
क्रेन तले दबने से पुलिस थाना कंचली, कोकात्तम आंध्रप्रदेश निवासी लिंगम सत्यारो (38) पुत्र लिंगम तिरूपति राव, जलाल उस्मन मेहता चौक अमृतसर, पंजाब निवासी हरजीतसिंह (34) पुत्र करनाल सिंह, मिस्टर केसी मनोहरी, नुआपाड़ा, सरदेवली, जगतसिंह पुर, उड़ीसा निवासी कामेश्वर (46) पुत्र गोरंग तरंग पथि की मौत के बाद रात बारह बजे ही उपखंड अधिकारी तरू सुराणा ने जिला कलेक्टर से स्वीकृति लेकर शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया।
अलसुबह पंजाब के हरजीतसिंह का शव कार से रवाना कर दिया, जबकि सत्यारो व कामेश्वर के शव कार से उदयपुर एयरपोर्ट ले गए। वहां से विशेष फ्लाइट से उड़ीसा व आंध्रप्रदेश पहुंचाए गए हैं। इसके लिए एलएंडटी कंपनी के कर्मचारियों को साथ भेजा गया है। सिंदेसर खुर्द माइंस के बाहर रेलमगरा थाना प्रभारी लालसिंह शक्तावत के नेतृत्व में विशेष पुलिस जाब्ता तैनात रहा।
आपदा प्रबंधन की जांच शुरू
क्रेन गिरने के कारणों को लेकर गहन अध्ययन व जांच के लिए आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञों का दल दरीबा पहुंच गया। इंजीनियरों से बातचीत के बाद विशेषज्ञों ने कार्मिकों से भी बातचीत की। उसके बाद क्रेन के गिरने के कारणों की जांच शुरू कर दी गई। प्रथमदृष्ट्या यही बताया जा रहा है कि क्रेन से 24 क्विंटल वजनी ब्लॉक रखने के दौरान अचानक झटके की वजह से क्रेन का बेल्ट टूट गया, जिसकी वजह से अनियंत्रित होकर पूरी क्रेन ध्वस्त हो गई।
35 की क्षमता, 24 टन उठाया वजन
बताया गया कि ढाई टन की क्रेन में सामान्य तौर पर 35 टन वजन उठाने की क्षमता है और हादसे के वक्त उस पर 24 टन का ब्लॉक ही लदा हुआ था। इससे क्रेन में ओवरक्राउड की संभावना भी नहीं रही। इसके चलते एलएंडटी के साथ हिंदुस्तान जिंक के इंजीनियरों के लिए भी क्रेन के गिरने के कारणों का पता लगाना एक पहेली बन गया है।
रात में पोस्टमार्टम वर्जित
वरिष्ठ एडवोकेट घनश्यामसिंह भाटी ने बताया कि चिकित्सा शास्त्र में स्पष्ट कानूनी प्रावधान हैं, जिसके सूर्यास्त के बाद व सूर्योदय से पहले पोस्टमार्टम नहीं किया जा सकता। विशेष परिस्थिति में जिला कलेक्टर के आदेश पर पोस्टमार्टम किया जा सकता है, मगर कारण तर्कसंगत होना आवश्यक है। इसके लिए ठोस कारण बताए जाने जरूरी हैं।
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