भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के केंद्रीय कारागार में कैद
प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के
विचाराधीन कैदियों की सुरक्षा को वरिष्ठ अधिकारियों ने नजरअंदाज किया और
उसी का नतीजा रहा दिवाली की रात फरारी की घटना।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह खुलासा कर चौंका दिया कि भोपाल केंद्रीय
जेल में जो काम प्रहरी को करना चाहिए, वह कैदी निभा रहे हैं। इन खुलासों के
बीच राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को केंद्रीय
कारागार का निरीक्षण किया। इससे पहले सात शवों को मंगलवार रात विभिन्न
स्थानों पर दफना दिया गया।
दिवाली की रात सिमी के आठ विचाराधीन कैदी प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर
हत्या करने के बाद फरार हो गए थे। फरारी के आठ घंटे बाद सभी आठों को शहर
से कुछ किलोमीटर दूर पुलिस के संयुक्त दल ने मुठभेड में मार गिराया था।
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