मुंबई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आयी, तो वह करोडों रूपये के कथित सिंचाई घोटाले और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की ओर से बिल्डर की फाइलों को जल्दबाजी में दी गयी मंजूरी की जांच कराएंगे।
ठाकरे ने शुक्रवार रात बोरिवली में दशहरा रैली में कहा कि एक समय वे (कांग्रेस -राकांपा) अच्छे दोस्त थे,अब वे एक दूसरे पर इल्जाम लगाने में कोई कसर नहीं छोड रहे। एक (अजित पवार) ने कहा कि उन दस्तावेजों को पाने के लिए वह आरटीआई दायर करेंगे जिन पर चव्हाण ने दस्तखत किये, दूसरे (चव्हाण) ने कहा कि कानून उन्हें वैसे ही पकड लेगा जैसे जयललिता के साथ हुआ। पर दोनों को चिंता नहीं करनी चाहिए। वोट मिलने पर सत्ता में आने के बाद मैं आपकी सभी फाइल खोलूंगा और और असलियत सामने लाउंगा।
शिवसेना के कई कार्यकर्ताओं के साथ आरपीआई नेता राम पंडागले और अर्जुन डांगले भी वहां मौजूद थे। ठाकरे ने सत्ता में आने पर बाल ठाकरे स्मारक बनाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, राज्य में सत्ता में आने पर हम सुनिश्चित करेंगे कि मेरे पिता बाल ठाकरे का एक स्मारक बने जो अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो। लेकिन, मैं इसके लिए दूसरी पार्टियों से मदद नहीं लेना चाहता।
शिवाजी ने सिखाया,दिल्ली के सामने घुटने मत टेको...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवाजी महाराज के इर्द-गिर्द घूमते भाजपा के प्रचार अभियान के नारों पर चुटकी लेते हुए ठाकरे ने कहा कि शिवसेना खामोश नहीं बैठेगी। ठाकरे ने कहा, हमारे राजा शिवाजी महाराज ने हमें सिखाया कि दिल्ली के सामने घुटने मत टेको। इसलिए, हम ऎसा नहीं करेंगे।
गुजराती कार्ड खेलते हुए ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ही है जिसकी बदौलत गुजराती महाराष्ट्र में अभी तक मौजूद हैं। उन्होंने कहा, 1992 में अगर शिवसेना वहां नहीं होती तो गुजराती गुजरात चले गए होते। लेकिन, हमने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की और यही कारण है कि आज वे मुंबई में हैं।
आचार संहिता लागू होने की वजह से 40 साल पुरानी अपनी परंपरा को छोडते हुए शुक्र को दशहरे पर शिवसेना ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली नहीं की और इसकी जगह वहां दिवंगत बाल ठाकरे के स्मारक पर शस्त्र पूजा की।
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