नई दिल्ली। सभी तरह की गीदड-भभकियां नाकाम हो जाने के बाद अब महाराष्ट्र में शिवसेना हताश हो गई है और उसने सुर बदल लिए हैं। सोमवार को विधानसभा में भाजपा-शिवसेना आमने-सामने थी और शिवसेना ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह प्रदेश में विपक्ष की भूमिका निभाएगी, लेकिन मंगलवार को शिवसेना के मुखपत्र "सामना" में उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार की तारीफ की है। उद्धव ने कहा कि मोदी अपना हर कदम सोच समझकर उठाते हैं।
उद्धव ने सामना में लिखा है कि भाजपा को उत्तर प्रदेश और बिहार में अपनी जड मजबूत करनी है। मंत्रिमंडल में नए सहयोगियों को चुनते वक्त मोदी ने इस मापदंड को अपनाया है। मोदी ने यह साफ किया है कि हिंदुस्तान की विकास यात्रा को तेज करने के लिए हम उत्सुक हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में संपादकीय में आगे लिखा गया है, कैबिनेट विस्तार का अधिकार प्रधानमंत्री का होता है, मोदी ने इस अधिकार को पूरी तरह इस्तेमाल किया है। कामकाज और भाजपा के विस्तार के सूत्र के अनुकूल ही नए चेहरों को मौका दिया है। देश की विकास गति तेज हो, इसके लिए सभी मंत्रियों को अपने उत्तरदायित्वों का ढंग से पालन करना चाहिए।
दिलचस्प यह भी है कि सामाना के जरिए उद्धव ठाकरे जहां केंद्र में मोदी सरकार की तारीफ कर रहे हैं, वहीं सोमवार देर शाम शिवसेना प्रमुख ने विधानसभा सचिव को पत्र लिखकर नेता विपक्ष का पद मांगा। यह भी स्पष्ट किया गया कि एकनाथ शिंदे सदन में शिवसेना के नेता होंगे। जाहिर है शिवसेना के इस पत्र ने साफ कर दिया है कि शिवसेना, भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल नहीं होगी और दोनों पार्टियों के बीच पुनर्मिलन की अटकलों पर अब विराम लग गया है।
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