मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिवसेना पर हमला करने से बच रहें हैं, तो दूसरी ओर शिवसेना उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड रही है। पीएम मोदी ने कहा था कि वह बाला साहब का सम्मान करते हैं इसलिए शिवसेना को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में लगातार दूसरे दिन फिर शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बडा हमला बोला है।
 सामना में लिखा है कि मोदी नाम की अगर इतनी ही महानता है तो फिर मोदी को गांव-गांव घूम कर इतनी चुनावी सभाओं क्यों कर रहे हैं। क्या महाराष्ट्र भाजपा सिर्फ पीएम मोदी के भरोसे बैठी है!
भाजपा के लिए मोदी एक शीर्ष नेतृत्व हैं, ऎसे में उनका गांव-गांव घूमना उनकी शान को शोभा नहीं देता, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पास मोदी के अलावा दूसरा कोई सिक्का नहीं होने के कारण उसी सिक्के की खनक भाजपा वाले पूरे राज्य में सुनाते घूम रहे हैं। प्रधानमंत्री के पद की "शान" रखी जानी चाहिए।
कांग्रेसी शासन में जब इस तरह के चुनाव होते थे तब प्रचार सभा के दौरान वही-वही और वही बोलनेवाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी टीका-टिप्पणी होती थी। मनमोहन का मजाक उडाने का एक भी मौका तब विरोधियों ने नहीं छोडा था। पार्टी की प्रचार सभाओं में प्रधानमंत्री के आने पर सुरक्षा के साथ ही अन्य व्यवस्था का भी बडा तामझाम करना पडता है। उसका बोझ भी जनता की जेब पर पडता है।
सोनिया गांधी-मनमोहन सिंह इस तरह सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रहे थे, ऎसी टिप्पणी उस समय हुई थी। भाजपा की नजर में मोदी न सिर्फ स्टार बल्कि सुपरस्टार प्रचारक हैं।
मोदी के नाम की महानता यदि इतनी है तो वह राज्य में पच्चीस-तीस जनसभा लेने की बजाय दिल्ली में बैठकर महाराष्ट्र के मतदाताओं के लिए निवेदन जारी कर देते तो भी चल गया होता। लोग निश्चित उनकी बात सुनते, मोदी की तस्वीर के साथ-साथ पन्ने भर-भरकर विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं, फिर भी मोदी पच्चीस-तीस सभाएं कर रहे हैं।
इससे पूर्व सोमवार को पूर्व सहयोगी भाजपा पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोलते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट के अन्य मंत्रियों द्वारा महाराष्ट्र में चलाए जा रहे चुनाव प्रचार अभियान की तुलना 17वीं सदी में बीजापुर के सेनापति अफजल खान की सेना द्वारा शिवाजी के शासन पर किए गए हमले से की। पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में मोदी पर करारा हमला बोलते हुए दावा किया गया कि उनकी अगुवाई वाली भाजपा ने शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा है।
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