मोगा।पंजाब के मोगा की रहने वाली राम रति देवी रोज अपने 32 वर्षीय पुत्र
विश्कर्मा का इन्तजार करती रहती है, लेकिन दूर दूर तक उसका अता पाता दिखाई
नहीं देता, क्योंके विश्कर्मा 9 साल पहले परदेस यानि के कत्तर की राजधानी
दोहा में काम करने के लिए गेया था, और अब पूरे नौ साल बाद उसकी खबर भी आई
तो मौत की। मृतकों के परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मृतक के शव को स्वदेश लाने में मदद की गुहार की है।
मोगा के शहर में पला बड़ा पूरा नाम
विश्कर्मा प्रसाद बहुत मेहनती था। विश्कर्मा ने विदेश में काम करने का खाब जताया। इसे पूरा करने
में भी समय नहीं लगा। परिजनों ने बताया कि 10 सितंबर तक सब कुछ ठीक थक चल रहा था। एक
फोन काल ने विश्कर्मा के पूरे परिवार की जिंदगी में अँधेरा कर दिया। यह फोन
काल चार साल पहले दोहा में ही काम करने गए विश्कर्मा के छोटे भाई शंकर का
था जिसने बताया के उसके बड़े भाई की मौत हो गयी है।
- शंकर और इसका बड़ा भाई विश्कर्मा दोहा की अलमाना नाम के कंपनी में काम
करते थे। विश्कर्मा शादी शुदा था और इसका एक बच्चा भी है । विश्कर्मा की
पत्नी अपने पति की डेड बाड़ी का इंतजार कर रही है। कंपनी ने अभी तक
डेड बड़ी उसके छोटे भाई को भी नहीं दी अब पूरा परिवार विदेश मंत्री सुषमा
स्वराज को गुहार लगा रहा है।
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