करनाल। महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, पुरूषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर निजी और सरकारी क्षेत्र में विभिन्न पदों पर आसीन हैं, लेकिन महिलाएं कृषि के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य करते हुए स्वयं को उन्नत किसान के रूप में समाज के सामने प्रस्तुत करें तो यह कुछ अद्भुत होगा। [@ भगवान शिव को पाने के लिए युवती ने जान दी] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
यह अद्भुत कार्य करनाल के कुटेल गांव की सीमा गुलाटी कर रही है। सीमा गुलाटी दस एकड़ में कृषि का कार्य कर रही है। दरअसल खेती के कार्य में अपने पति का हाथ बंटाने या फिर अपने दम पर खेती करना महिलाओं के लिए नई बात नहीं है लेकिन सीमा गुलाटी ने गेहूं और धान के चक्र से बाहर निकलकर फसल विविधिकरण को अपनाते हुए फल-फूल और सब्जियों के उत्पादन में अपना लोहा मनवाया है।
उन्होंने ना केवल फल-फूल और सब्जियों के उत्पादन में बल्कि इनकी पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया है। उन्होंने अपने उत्पादों को एले के नाम से बाजार में परिचित करवाया है। ब्रांडिंग के उपरांत सीमा गुलाटी ने अपने कृषि उत्पादों की मार्किटिंग को भी बेहत्तर कर व्यवसाय के उत्तम प्रबंधन का परिचय दिया है। सीमा ने आधे एकड़ में ग्रीन हाऊस स्थापित किया है तथा एक एकड़ में उन्होंने मशरूम की खेती को बढ़ावा दिया है। शेष जमीन में उन्होंने आलू, अंग्रेजी सब्जियां,ब्रोकली तथा विभिन्न रंगों के सलाद पत्ते की खेती को अपनाया है।
कृषि के इस कार्य में वह 8 से 10 श्रमिकों से कार्य करवाया जाता है जबकि फसल का परिपक्कव समय आने पर 20 से 25 महिला श्रमिकों की भी मदद ली जाती है जोकि कटाई और पैकेजिंग का कार्य करती हैं। इस प्रकार सीमा लोगों को रोजगार भी दे रही है। कृषि में सीमा केवल जैविक खाद का प्रयोग कर रही हैं, यही कारण है कि उनके द्वारा उगाए गए उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग है और उन्हें अपने उत्पादों के अच्छे पैसे भी मिल रहे हैं।
सीमा ने बताया कि वह सालाना 6 से 8 लाख रूपये तक कमा लेती हैं। सीमा राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तरीय प्रदर्शनियों में भी अपने उत्पादों की बिक्री कर चुकी है। इन प्रदर्शनियों से सीमा कई पुरस्कार भी जीत चुकी है। सीमा अपनी सफलता का श्रेय सरकार की योजनाओं और अपने पिता सुंदर लाल मदान को दे रही हैं। सीमा ने यह भी बताया कि फसल विविधिकरण के क्षेत्र में बागवानी विभाग भी किसानों को बेहत्तर तरीके से प्रेरित कर रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा बागवानी विभाग और कृषि विभाग के माध्यम से किसान हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से प्रदेश के किसान सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अपने उत्पादों की मार्किटिंग के लिए वह फेसबुक और व्हॉटसअप जैसे सोशल मीडिया का भी प्रयोग कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने करनाल के उपभोक्ताओं के लिए अपने उत्पादों का एक स्टॉल कर्ण गेट के नजदीक लगवाया है, जिससे उनके उत्पादों की बेहत्तर बिक्री हो रही है। यही नहीं उन्होंने अपने उत्पादों की बिक्री के लिए फरीदाबाद, गुरूग्राम और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भी नेटवर्क बनाया है। साथ ही उन्होंने अपने ब्रांड को विकसित करने के लिए तीन वाहन भी लगाए हुए हैं। इन वाहनों के चालक भी मार्किटिंग के कार्य में निपुण हैं और जगह-2 स्टॉल लगाकर उत्पादों की बिक्री करते हैं। अब उनके फार्म और पैकेजिंग व ब्रांडिंग तकनीक को देखने के लिए किसान उनके फार्म का दौरा करते रहते हैं।
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