कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ ने सरकारी स्कूलों के श्क्षिकों की रिटायरमेंट सीमा बढ़ाने व उन्हें वेतन के साथ अतिरिक्त भत्ता देने की मांग की है। राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्दर चौहान ने कहा है कि प्रदेश सरकार से डाक्टरों की तर्ज पर शिक्षकों को भी सरकार प्रोफेशनल अलाउंस दे। शिक्षक भी इसी केटेगिरी में आते हैं व शिक्षकों की रिटायरमेंट की सीमा बढ़ाकर 62 साल की जाए ताकि शिक्षकों के अनुभव का फायदा शिक्षा के विस्तार को मिल सके। [@ छेड़छाड़ का विरोध करने पर महिला को सरेआम पीटा, वीडियो वायरल]
उन्होंने दलील दी कि शिक्षक, डाक्टर व वकील एक ही तरह से प्रोफेशनल कॉडर से हैं। इसमें तर्जुबा ज्यादा मायने रखता है। उन्होंने सरकार से कंपोजिट स्कूल सिस्टम बनाने की भी मांग की, जिसके तहत शिक्षा से जुड़े सभी विभागों को एक ही छत के नीचे लाया जाए ताकि हर बच्चे को 24 घंटे शिक्षा मिल सके। इसके लिए सरकार का कोई अतिरिक्त खर्च सरकार नहीं होगा लेकिन इससे शिक्षा का महौल सुधरेगा। उन्होंने सरकार से शिक्षकों को अतिरिक्त काम से मुक्त करने की मांग करते हुए कहा कि शिक्षा में उसी सूरत में सुधार होगा। जब शिक्षकों पर थोपे जा रहे अतिरिक्त काम से छुटकारा दिलाया जाये।
उन्होंने कहा कि इस समय शिक्षकों को रेगूलर अपाईंटमेंट व प्रमोशन पर दो साल तक ग्रेड-पे नहीं दिया जा रहा, यह भेदभाव गलत है। उन्होंने सरकार से इसे खत्म करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि सरकार एकमुशत शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर करें ताकि भेदभाव खत्म हो। उन्होंने कहा कि 4-9-14 का मामला अभी तक लटका है, उसका जल्द समाधान जल्द किया जाए।
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope