जयपुर। प्रदेश के 13 जिलों में अति कुपोषित बच्चों में कुपोषण निवारण का समुदाय आधारित कुपोषण प्रबन्धन कार्यक्रम (सीमेम) कार्यक्रम की सफलता के बाद दूसरे में 20 जिलों के चयनित ब्लॉक में यह कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। सीमेम के प्रभावी संचालन के लिए एनएचएम व आईसीडीएस सहित डवलपमेंट पार्टनर यूनीसेफ, गेन, एसीएफ, टाटा ट्रस्ट के समन्वय में ‘पोषण गठबंधन’ बनाकर कुपोषण प्रबंधन के संचालन पर मंथन किया गया है। [@ Exclusive सरकार के इन विभागों से लोग सबसे ज्यादा दुखी...]
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने बताया कि दूसरे चरण में उच्च प्राथमिकता वाले 10 जिलों व 3 जनजातीय जिलों के साथ ही नये सात जिलों चूरू, झालावाड़, भरतपुर, बीकानेर, चित्तौडग़ढ़, सवाईमाधोपुर एवं भीलवाड़ा में सीमेम कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। इन जिलों में कुपोषण प्रबंधन गतिविधियों आयोजित कर अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें प्रषिक्षित पोषण पहरी की देखरेख में पोषण अमृत खिलाकर कुपोषण मुक्त करने के प्रयास किये जायेंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक नवीन जैन की अध्यक्षता में बुधवार को स्वास्थ्य भवन में सीमेम के तकनीकी सहयोगी रहे डवलपमेंट पार्टनर्स के साथ दूसरे चरण की कार्ययोजना पर मंथन किया गया। बैठक में निदेषक आईसीडीएस डॉ.समिति शर्मा, इंटर मिनिस्ट्रीयल टॉस्क फोर्स ऑन मॉलन्यूट्रीशन के चेयरमेन पद्मश्री डॉ. एम. के. भान, गेन के राष्ट्रीय निदेशक तरूण विज, यूनिसेफ के राजस्थान हैड डॉ.सैमुअल, एसीएफ के अधिशाषी निदेशक आरिष एवं टाटा ट्रस्ट के डॉ.सलिल के साथ प्रदेष में समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम के द्वितीय चरण के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गयी।
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