हुआ यह कि बीते 22 दिसंबर को कोचिंग का समय समाप्त होने पर जब सभी बच्चे घर जाने लगे तो उन्होंने प्रियांसी को होमवर्क देने के बहाने रोक लिया। होमवर्क लेने के बाद जब प्रियांसी घर जाने लगी तो कोचिंग के एक शिक्षक, कोचिंग संचालक और एक परिषदीय प्राथमिक विद्यालय पर कार्यरत दिव्यांग शिक्षक जो अक्सर ही सुबह शाम यहीं पर बैठता है। उन्होंने जबरदस्ती प्रियांसी को रोक लिया। [@ दो सुसाइड नोट्स में लिखी मोहब्बत, धोखा और मौत की दास्तां]
कोचिंग शिक्षक जबरदस्ती प्रियांसी को एक कमरे में लेकर चला गया और कोचिंग संचालक व दिव्यांग ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। अंदर कोचिंग शिक्षक ने प्रियांसी के साथ जबरन मुंह काला किया। किसी तरह से वहां से छूटने के बाद जब वह वापस घर लौट रही थी। देर होने की वजह से उसे ढूढऩे निकले। उसके पिता रास्ते में ही मिल गये। उसने रोते हुये उनसे सारी कहानी बताई। पहले तो वह लोकलाज के भय से चुप रहे मगर अब पुलिस को तहरीर दी है।
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