चंडीगढ़। गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकंडरी स्कूल,
सेक्टर-37-बी के 18 टीचर्स
की सैलरी कहा गई किसी को भी पता नहीं चल रहा। पिछले तीन दिनों से ये 18
टीचर्स अपनी सैलरी ढूंढने में लगे हैं। एक टीचर स्वर्ण सिंह कंबोज ने इस बारे में
कहा कि वे अब स्कूल और बैंक के कई चक्कर लगा चुके हैं लेकिन सैलरी कौन से एकाउंट
में है कुछ पता नहीं चल रहा है।
उन्होंने कहा कि इस स्कूल की सैलरी स्टेट बैंक
ऑफ़ इंडिया की सेक्टर-37 ब्रांच में आती है।
लेकिन इस बार सभी टीचर्स को स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से
एक पत्र मिला जिसमें लिखा था कि पांच एसोसिएट बैंक मर्ज हो रहे हैं इस लिए इन
टीचर्स के बैंक अकाउंट नंबर बदल दिए गए हैं। लेकिन
जहां स्कूल से सैलरी बनती है उन को बैंक ने कोई जानकारी नहीं दी। नतीजा
ये हुआ कि स्कूल ने सैलरी बना कर पुराने अकाउंट में ही डाल दी और स्टेट बैंक ऑफ़
इंडिया, सेक्टर-37 ने अपने रिकॉर्ड में इन 18
टीचर्स के नए अकाउंट नंबर चढ़ा दिए। अब यह 18 टीचर्स
कभी बैंक में जाते है और कभी स्कूल ऑफिस में जा कर अपनी सैलरी के बारे में पूछते
हैं। परंतु
कोई भी इस का जवाब नहीं दे पा रहा।
नोट बंदी के कारण एक तो बैंकों में
इतनी लंबी लाइनें और दूरी तरफ सैलरी का किसी भी अकाउंट में ना आना इन टीचर्स के
लिए चिंता का विषय बना हुआ है। अब इनके सामने घर का खर्चा चलाने का सवाल खड़ा हो
गया है। टीचर्स
ने कहा कि घर का राशन पानी कैसे चलेगा, बच्चों की फीस
कैसे देंगे और कई प्रकार की किस्तें जाती है, उन को
कैसे भरा जाए। इस बारे में टीचर्स ने पीएमओ के साथ ही आरबीआई
को भी शिकायत की है।
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