कपूरथला। गुजरात की प्रदूषित हो चुकी विश्वामित्री नदी को साफ करने के कार्य का पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल नेतृत्व करेंगे। गुजरात के शहर वरोदड़ा से होकर गुज़रती इस नदी में गाँवों और शहरों की गंदगी के अलावा विभिन्न फैक्टरियाँ का ज़हरीला पानी पड़ रहा है। इस नदी को साफ सुथरा बनाने के लिए वहो विश्वामित्री अभियान चला पदमश्री डा. एमएच महिता और वरोदड़ा इन्नोसेटिव कौंसिल की तरफ से सांझे तौर पर करवाए गए दो समागमों दौरान वक्तों ने एक जुट होकर संत सीचेवाल जी से अपील की कि जैसे उन्होंने ने बाबे नानक की चरन छोह प्राप्त पवित्र काली बेईं को फिर से निर्मल बना दिया है, उसी तरह विश्वा मित्री नदी को भी निर्मल बनाने के लिए आगे आए। डा: महिता ने बताया 132 किलोमीटर के करीब लम्बी विश्वा मित्री नदी का इतिहास बड़ा पुराना है। इस नदी के किनारे पर ही ऋषि विश्वा मित्र ने तप किया था और गायत्री मंत्र की रचना की गई थी। इस नदी पर 1890 दौरान बने पुल अभी भी कायम हैं। लोगों की इच्छा है कि ये नदी फिर पहले की तरह बहे, जैसे यह पुराने समय में बहती रही है।
डा: महिता ने बताया कि उनको देश के राष्ट्रपति डा: ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने भी दो बार कहा था कि वह इस नदी सफ़ाई शुरू करने से पहला संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ सलाह मशवरा ज़रूर करे। उन्होंने बताया कि इस नदी में आज भी 200 से अधिक मगरमच्छ हैं और अनेक कईए जलचर जीव सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि संत सीचेवाल जी का नेतृत्व गुजरात और पंजाब के संबंधों को ओर पक्का बनाने में नदियाँ बड़ी भूमिका निभाएगीं। इस दौरान संत सीचेवाल ने वक्तों का न्योता स्वीकृत करते कहा कि वह पानियों को प्रदूषित मुक्त करने के लिए हरदम उपस्थित हैं और जब भी विश्वामित्री नदी को साफ करने का काम शुरू किया जाएगा, वह स्वंय उपस्थित रह कर इस नेक कार्य को करवाने में अपनी सेवा निभाएगे। इस पर प्रबंधकों ने संत सीचेवाल को इस नदी में पड़ रहे गंदे पानियों बारे मौके पर जा कर दिखाया। एक स्कूल और कम्यूनटी हाल में करवाए गए समागमों दौरान जहाँ उपस्थित लोगों ने संत सीचेवाल से सीधा संवाद कर उनकी तरफ से किए गए कामों बारे चर्चा की, वहीं साथ ही विश्वा मित्री नदी के प्रदूषण के हल का रास्ता भी पूछा। संत सीचेवाल ने वरोदड़ा शहर के लोगों को न्योता दिया कि गुजरात में आ रही विधानसभा चुनाव के मौके विश्वामित्री नदी की सफ़ाई का मुद्दा राजनीतिक पार्टी के आगे रखे और इस ज्वलंत मुद्दे को राजनीतिक पार्टी पर दबाव डाल कर इसे चुनाव घोषणा पत्र में शामिल करवाए। [@ Exclusive- राजनीति के सैलाब में बह गई देश के दो कद्दावर परिवारों की दोस्ती] [@ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
संत सीचेवाल ने बताया कि 16 सालों की अथक मेहनत के पीछे लोगों के सांझे प्रयत्न हैं जो उन्होंने निष्काम रूप में किए हैं। संत सीचेवाल ने बताया कि पानी के प्रदूषण को रोकनो के लिए बने 1974 के एक्ट को इन्न -बिन्न लागू किया जाए। इसरो में काम करते रहे विज्ञानी एन.के गुप्ता ने कहा कि चाहे वह ब्रह्मांड में कई तरह की खोजे करते रहे हैं परन्तु धरातल और जो हकीकी काम संत सीचेवाल ने किए है।
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