कानपुर। कई माह से सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात चल रही
थी, लेकिन शुक्रवार को सपा की जारी उम्मीदवारों की लिस्ट ने कांग्रेसी खेमे में हलचल
पैदा कर दी है। अखिलेश यादव ने कानपुर नगर और ग्रामीण की 10 में से नौ सीटों पर साइकिल
को चुनावी मैदान पर उतार दिया है। कैंट से बाहुबली अतीक अहमद को टिकट न देकर 2012 विधानसभा
चुनाव में रनर रहे मोहम्मद हसन रूमी को मौका मिला है। वहीं सीसामऊ से इरफान सोलंकी
का टिकट बरकरार रखा गया है। इसके अलावा गोविन्द नगर सीट पर सुनील शुक्ला का पत्ता काटते
हुए नये चेहरे योगेश कुशवाहा को मौका दिया गया है। नई लिस्ट में सबसे बड़ा घमासान किदवई
नगर विधानसभा सीट को लेकर पैदा हो गया है। यहां से मौजूद कांग्रेसी विधायक होने के
बाद भी सपा ने ओमप्रकाश मिश्रा को टिकट दिया है। [@ खास खबर EXCLUSIVE: समाजवादी पार्टी की टाइमलाइन, कब और कैसे हुआ विवाद ?]
अतीक की जगह उतारे गए रूमी
कैंट से पहले परवेज अंसारी को टिकट देने की बातें सामने
आ रही थी, लेकिन पूर्व सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने इलाहाबाद के बाहुबली नेता
अतीक अहमद चकिया को टिकट थमा दिया। लेकिन शुक्रवार को सपा ने नई लिस्ट में बाहुबली
के साथ ही परवेज अंसारी को टिकट न देकर मो. हसन रूमी को उम्मीदवार बनाया है। कानपुर
में जिस तरह से टिकट दिए गए हैं उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि मुलायम सिंह यादव की
कलम जमकर चली है और सीएम ने उनके ही नामों पर अपनी मुहर लगाई हैं, हालांकि की एक-दो
प्रत्याशियों की बातें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दरकिनार कर दी है।
बेरिया को भी मिला टिकट
पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया के बिल्हौर से टिकट काटे
जाने की चर्चा जोरों पर चल रही थी। इसके पीछे राजनीतिक हलकानों में बेरिया के शिवपाल
का करीबी बताया जाना था, लेकिन मुख्यमंत्री की लिस्ट में बेरिया को शामिल किया गया
है। सपा ने अपने पुराने चेहरे पर विश्वास करते हुए साइकिल का सिंबल दे दिया है। इसके
साथ ही कानपुर में शिवपाल यादव की लिस्ट के अधिकतर कैंडीडेट बरकरार है। सबसे अधिक चर्चा
किदवई नगर सीट पर बनी हैं, यहां से ओमप्रकाश मिश्रा को टिकट दिया गया है। जबकि यहां
से कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय कपूर विधायक है।
शहर की सीटों पर कांग्रेस को नहीं मिली तरजीह
अखिलेश यादव की जारी लिस्ट में शहर की एक भी सीट नहीं
छोड़ी गई है। इसके चलते कांग्रेस के नेता खासे नाराज दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेसी जिलाध्यक्ष
हरिप्रकाश अग्नहोत्री ने बताया कि गठबंधन के बारे में हमें अधिकारिक तौर पर कोई आदेश
नहीं मिला है। हम जिले की 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि
कानुपर से कांग्रेस ने गठबंधन के बाद कम से कम चार सीटों की मांग की थी। जिसके बाद
अंदरखाने से जो बातें छनकर निकल कर आई थीं, उसके मुताबिक सपा ने भी गोविन्द नगर, किदवईनगर,
बिठूर और कैंट सीट कांग्रेस को देने की बात कही थी। बावजूद सपा ने इन सभी सीटों पर
अपने कैंडीडेट उतार कर गठबंधन की खबरों पर ब्रेक लगा दिए है।
अजय कपूर को टक्कर देंगे ओमप्रकाश
समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय कपूर
के खिलाफ किदवई नगर विधानसभा सीट पर सपा से ओमप्रकश मिश्रा को टिकट दिया है। इससे गठबंधन
की उम्मीदों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। वरिष्ठ पत्रकार रमेश वर्मा ने बताया कि
सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना मुश्किल में पड़ गई है। अजय कपूर की सीट पर
सपा के कैंडीडेट उतारे जाने के बाद अब लगता है दोनों खेमों के बीच खींचतान बढ़ गई है।
अगर सपा और कांग्रेंस अलग-अलग चुनाव में उतरते हैं तो भाजपा को फाएदा हो सकता है।
आर्यनगर से अमिताभ, गोविन्द नगर से नया चेहरा
आर्यनगर से गैर मुस्लिम चेहरे को मैदान पर सपा ने उतारा
है। यहां से अखिलेश गुट के करीबी अमिताभ बाजपेयी को टिकट दिया गया है। यह युवा लोहिया
वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे चुके हैं, लेकिन शिवपाल ने इन्हें पद से हटा दिया
था। वहीं गोविन्द नगर से सुनील शुक्ला को पहले शिवपाल ने टिकट दिया था, यहां से सीएम
ने योगेश कुशवाहा को साइकिल का सिंबल देकर चुनाव मैदान पर उतार दिया है। सपा से पहली
बार योगेश नये चेहरे के रूप में जनता के सामने होंगे।
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