अर्नव मिश्रा, लखनऊ। पूरे प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर जोश का माहौल हर गली-गली में फैल चुका हैं, वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के महागठबंधन को लोग अपने-अपने नज़रिए से देख रहे हैं। [# यूपी चुनाव: ये कैसा गठबंधन? कई सीटों पर सपा व कांग्रेस प्रत्याशी आमने-सामने] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
एक तरफ लोग गठबंधन को अखिलेश की कमजोरी ठहरा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ इसे दो युवा ताक़तों का एकजुट होने का नाम दे रहे हैं। लेकिन इस महागठबंधन पर अखिलेश यादव के कुछ निजी विचार भी हैं। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि गठबंधन पारिवारिक कलह का नतीजा है, अगर परिवार में कोई मतभेद नहीं होता तो शायद ये गठबंधन भी नहीं होता।
मुख्यमंत्री अखिलेश का यह कहना भी है कि उनके और राहुल के बीच में कई समानताएं हैं। वे दोनों लगभग एक ही उम्र के हैं और कई मुद्दों पर दोनों के एक जैसे विचार हैं। गठबंधन पूरे प्रदेश और देश का विकास चाहता है। कांग्रेस के साथ गठबंधन अच्छा है।
जिस समय गठबंधन हुआ था, उस वक़्त पूरे प्रदेश के लोगों के मन में ये सवाल था कि दल तो मिल गए, लेकिन क्या दिल मिल पाएंगे? इस बात पर अखिलेश यादव का यह कहना है कि सारे कार्यकर्ता एकजुट होकर खड़े हैं और विचारों में कोई असमानता नहीं है।
अखिलेश का यह कहना है की समाजवादी पार्टी और कांग्रेस देश को धर्म निरपेक्ष बनाने की लड़ाई लगातार लड़ रहे हैं। पीएम मोदी और अमित शाह द्वारा प्रयोग की गयी भाषा देश के लिए एक ख़तरा है।
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