जोधपुर। सीमित शब्दावली में मारवाड़ के रंगों की ऐसी प्रयोगशाला जिसकी सौम्य भाषा, आत्मीय आचरण, शालीन परिधान और लोक ललित कलाओं के सम्मोहन के साथ आपको हर तस्वीर अपने सम्मोहन में कैद करने में सक्षम। ये उन तस्वीरों की बात है जो इन दिनों जोधपुर के पोलो सीजन में लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। जोधपुर की ऐसी कलाकार जिसकी अंगुलियों में रंगों के ब्रश के साथ चाकू भी रंगों के साथ आकृति को आकर देता है। रंगों का इतना महीन प्रयोग जो मानस पटल पर भव्य एवं दिव्य संस्कृति की छवि चित्रांकित कर देता है। उन्नत-उत्तुंग मेहरानगढ़ दुर्ग के ठीक सामने ससवार राव जोधा, मार्ग के किनारे बैठा जोड़ा रावण हत्था बजा रहा है और नारी के कंठ लोक गीत की स्वर लहरियां बिखेर रही हैं। रंगकार अनुभा भंसाली ने दस साल पहले आर्ट सीरीज शुरू की थी। जिसमें ऐसी कई कलाकृतियां कैनवास पर खिल गई और आज जोधपुर के पोलो ग्राउंड में खेल के साथ लोग इन तस्वीरों को निहार रहे हैं। रॉयल ब्ल्यू रिट्रीट सीरीज में अनुभा ने ऑयल पेटिंग के साथ इम्पेस्टो तकनीकी के जरिए अपनी कला को आकार दिया जो अब बहुत पसंद की जा रही है। पोलो खिलाड़ी और जोधपुर के पूर्व महाराजा गजसिंह ने भी अनुभा की इस कला के कद्रदान बन गए और रंगों के प्रयोग को अनूठी पहल बताया।
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