लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय
द्वारा प्रदेश के परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर दुष्कर्म के मामले में
एफआईआर करने का आदेश दिए जाने पर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.
मसूद अहमद ने कहा कि सपा सरकार और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से प्रदेश में
कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने पर अब सर्वोच्च न्यायालय ने मुहर लगा दी। [# ग्राउंड जीरो रिपोर्ट: सियासत के मैदान में अव्वल..विकास के नाम पर फिसड्डी !] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
अहमद ने कहा, "सर्वोच्च
न्यायालय के आदेश से स्पष्ट हो गया कि प्रदेश की समाजवादी सरकार में पुलिस ज्यादती
एवं महिला उत्पीड़न के निंदनीय प्रसंग छिपाए गए हैं। जब-जब गायत्री प्रसाद प्रजापति
की शिकायतों और कारानामों का कच्चा चिट्ठा सरकार के सामने पेश किया गया। तभी उनको तरक्की
दी गई।" उन्होंने कहा, "सरकार हमेशा उन को संरक्षण देती रही। जब उच्च न्यायालय
का आदेश हुआ तब सीबीआई जांच की स्थिति आई और मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त
तो किया परंतु तुरंत ही प्रमोशन देकर परिवहन मंत्री बना दिया गया।" रालोद
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अब चुनाव की बेला है और सरकार की विदाई का समय आ गया है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को यह सरकार नापसंद है।
--आईएएनएस
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