बीकानेर। मुक्ति संस्था तत्वावधान में गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें शहर के विभिन्न वर्गों के बुद्धिजीवियों, गणमान्य महानुभावों, कला-साहित्य एवं संस्कृतिकर्मियों को मुक्ति के सचिव कवि कहानीकार राजेन्द्र जोशी ने संकल्प दिलाया। संकल्प में कहा गया कि राजस्थानी भाषा हमारे रक्त में घुली-मिली है और करोड़ों जन के कंठों बसने वाली इस भाषा को जल्द से जल्द मान्यता दी जानी चाहिए। राजस्थानी को व्यापार, राजकीय कार्यों, शिक्षा और अन्य कामों में प्रयुक्त कर कामकाज की भाषा के रूप में दैनिक जीवन में अधिक से अधिक प्रयुक्त किए जाने का संकल्प किया गया। कवि-कहानीकार बुलाकी शर्मा ने बताया कि शपथ लेने वालो में के.एल.बोथरा महामंत्री बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल, हीरालाल हर्ष उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस, भाजपा की मीना आसोपा, डॉ. एस. एन. हर्ष आईएमए, कांग्रेस की सुनीता गौड़, इंद्र चंद सेठिया अध्यक्ष अणुव्रत समिति, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व उपसचिव पृथ्वीराज रत्नू, पत्रकार-साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’, वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास विनोद, कवि-शायर आनंद वि. आचार्य, कवि-आलोचक डॉ. नीरज दइया, चंद्रशेखर जोशी, कवि नवनीत पाण्डे, नाटककार-कवि हरीश बी. शर्मा, कवयित्री मोनिका गौड़, कबीर विकलांग समिति के अध्यक्ष मांगीलाल भद्रवाल, मईनुद्दीन कोहरी, राजाराम स्वर्णकार, बी.एल. नवीन, नीलिमा पारीक, मोहम्मद शरीफ आदि अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। मुक्ति संस्था के सचिव कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने बताया कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने हेतु पारित संकल्प के साथ ही हस्ताक्षर अभियान आरंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत एक हजार समर्थकों के हस्ताक्षर के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल को जल्द ही ज्ञापन दिया जएगा।
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