कानपुर। राज्य महिला आयोग की सदस्या द्वारा फटकार के 24 घंटे बाद
भी अस्पताल के अधिकारियों पर कोई गहरा असर नहीं हुआ है। उद्योग नगरी में ठंड का कहर
अपने चरम पर है। सर्दी के चलते शहर और कानपुर देहात में 7 लोगों की मौत हो चुकी है
जिसके चलते डीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनता के लिए अलाव और रैनबसेरों
को खोल दिया जाये। लेकिन जिला डफरिन अस्पताल के रैन बसेरे पर एम्बुलेंस कर्मचारियों
का कब्जा है। अस्पताल प्रशासन भी इस पर कोई एक्शन नही ले रहा है। खास खबर समाचार पोर्टल
द्वारा इसे प्रमुखता से लिए जाने पर प्रशासन ने संज्ञान लिया और राज्य महिला आयोग की
सदस्य सीमा यादव ने सोमवार को डफरिन का औचक निरीक्षण किया। रैनबसेरे पर कर्मचारियों
का कब्जा होने पर आयोग सदस्या ने निदेशिका को जमकर फटकार लगाई और निर्देश दिया कि जल्द
ही साफ सफाई कर रैनबसेरा तीमारदारों के लिए खोल दिया जाए।
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इसके 24 घंटे बाद भी अधिकारियों पर कोई असर नहीं हुआ। जिसके चलते
तीमारदार रैनबसेरे की जगह निदेशिका कक्ष के बाहर चादर बिछाकर आराम करने को मजबूर है।
तीमारदार मुकेश का कहना है कि वह अपने दोस्त राहुल के साथ रैनबसेरे की ओर गये थे पर
वहां ताला लटका होने के कारण वापस आ गये और चादर बिछाकर अस्पताल परिसर में ही सो गये।
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