मंडी। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री एनआर ठाकुर ने कहा कि चार वर्ष तो कांग्रेस सरकार को कर्मचारियों की याद नहीं आई लेकिन अब चुनावी वेला में कर्मचारियों को लुभाने के लिए जेसीसी की बिसात बिछाई गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा कर्मचारी इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ कि चार वर्ष तक जेसीसी की बैठक न बुलाई गई हो। पांचवें वर्ष में होने वाली इस जेसीसी बैठक में भी ऐसा लगता है कि यह बैठक भी बेनतीजा ही साबित होगी।
यह बैठक कर्मचारियों को बरगलाने के लिए ही बुलाई गई है तथा ऐसा आभास होता है कि चुनावी वेला में कर्मचारियों को सरकार के पक्ष में करने हेतु भ्रमित मायाजाल बुनने की कोशिश सरकार द्वारा की जा रही है लेकिन प्रदेश का कर्मचारी काफी समझदार है और अब वह सरकार के झूठे झांसे में नहीं आएगा। ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार का कार्यकाल कर्मचारी व मजदूर वर्ग के लिए बेहद निराशाजनक रहा है और आज तक एक भी मांग सिरे नहीं चढ़ सकी है। ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों के ज्वलंत मुद्दे अब तक अनसुलझे पड़े हैं जिनमें मुख्य 4-9-14 का लाभ 2006 से देना, कर्मचारियों की सेवानिवृति आयु 58 से 60 वर्ष करना तथा पंजाब के आधार पर भत्तों की अदायगी करना है। [@ Exclusive: नोटबंदी: कालाधन, भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम मोदी की आखिरी जंग]
इसके अतिरिक्ति अनुबंध कर्मचारियों का नियमित करने का सेवाकाल पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष करना और मजदूरों की दिहाड़ी न्यूनतम 300 रुपए करने की मांग कर्मचारी करते आ रहे हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 29 दिसम्बर को होने वाली संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में इन मांगों को स्वीकार किया जाए अन्यथा प्रदेश के कर्मचारी सरकार के खिलाफ लामबंद होने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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