नए नियमों के तहत नाबालिगों के पासपोर्ट माता या पिता में से
किसी एक के दस्तावेज से ही बन जाएंगे। यह व्यवस्था महिला व बाल विकास
मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की एक अंतरमंत्रालयीय समिति की सिफारिश पर हुई
है। इसमें कहा गया था कि अकेले रह रही महिलाओं को अपने बच्चों का पासपोर्ट
बनवाने में दिक्कत होती है। शादीशुदा लोगों को पासपोर्ट बनवाने में मैरिज
सर्टिफिकेट की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई है।
जन्मतिथि को लेकर दस्तावेजों में ढील
पासपोर्ट
के लिए आवेदन करते समय जन्मतिथि को लेकर यह फैसला किया गया कि पासपोर्ट के
सभी आवेदन के साथ स्कूल छोडऩे के प्रमाणपत्र, 10वीं कक्षा के प्रमाणपत्र,
पैन कार्ड, आधार कार्ड, ई-आधार कार्ड, आवेदनकर्ता के सेवा रिकॉर्ड से जुड़े
कागजात, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी पत्र या एलआईसी पॉलिसी बॉन्ड के
दस्तावेत भी लगाए जा सकते हैं। जन्म एवं मृत्यु पंजीयक या नगर निगम अथवा
जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम-1969 के तहत अधिकार प्राप्त एजेंसी द्वारा
जारी बर्थ सर्टिफिकेट भी जन्मतिथि के प्रमाणपत्र के तौर पर दिया जा सकता
है।
अब अपने गुरुओं के नाम लिख सकेंगे साधु-संन्यासी
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