जैसलमेर । सदियों से जिले की जनता को पीने का पानी उपलब्ध कराने वाली ऐतिहासिक गड़ीसर झील अब दुर्दशा का शिकार हो गई है । इसकी इतना दुर्दशा हो गई कि इंसान हाथ धोना भी पसंद नहीं कर रहा है और पशु इनसे किनारा करने लगे हैं । अब केवल भैंसे ही इस झील के पानी से अपनी गर्मी शांत करती दिखाई दे रही है या फिर इस पानी में गंदी मछलियों से अठखेलियां करते लोग नजर आ रहे हैं । प्यास बुझाने वाली झील अब मनोरंजन का साधन बन गई है । मरुस्थल की धरा पर अमृत स्त्रोत के रुप में स्थापित गड़ीसर झील प्रशासन की उदासीन के कारण अपना मूल अस्तित्व खोती जा रही है। गड़ीसर झील के लिए प्रशासन ना तो कोई विशेष इंतजाम कर रहा है और नहीं इसे सहेजने के प्रयास होते दिख रहे है।
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