जोधपुर। अपराध की दुनिया के लिए कहा जाता है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो वो सुराग के लिए सबूत जरूर छोड़ जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ जोधपुर के बासनी थाना क्षेत्र में जहां सांगरिया फांटा के पास के एक मासूम के साथ हुआ जिसकी नीली आंखों की वजह से उसका पुनर्जन्म हुआ। दरअसल जोधपुर के शेरगढ़ के भूंगरा गांव के संतोष को बच्चा चाहिए था, लेकिन बीमारी की वजह से उसकी बीवी को दोबारा बच्चा नहीं हो रहा था। संतोष छत्तीसगढ़ में सुनार का काम कर रहा था और उसने यहीं किसी बच्चे को अगुवा करने का प्लान बनाया और फिर 30 जुलाई की रात सांगरिया रोड पर ड्राईक्लीन करने वाले धर्मेंद्रसिंह के चार महीने के बेटे रोहित को उठा लिया। एसीपी पश्चिम विपिन कुमार ने बताया कि पुलिस ने मासूम की तलाश में छानबीन की और फिर संतोष, उसके बड़े पिता के भाई इन्द्रगोपाल और भुआ के लडके दिनेश को गिरफ्तार कर लिया। संतोष ने रोहित का नाम बदलकर रुद्रप्रसाद रख लिया और मासूम को बड़े ही दुलार से पल रहे थे। इन लोगों ने ऐसा सिर्फ अपने खानदान के चिराग को जलाये रखने के लिए किया। खास बात ये है कि पुलिस ने रोहित को उसकी नीली आंखों से ही पहचाना।
यह भी पढ़े :एक स्थान पर मेवाड़ के प्रमुख धामों के हो रहे दर्शन
यह भी पढ़े :UP BJP अध्यक्ष की बेटी के पास 2000 की नोटो का बंडल कैसे पहुंचा, जानिए वायरल फोटो का सच
किसी भी धर्म पर अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य, लेकिन विरोध के नाम पर अराजकता भी बर्दाश्त नहीं : CM योगी
मंत्रियों की समिति ने की एसआई भर्ती में धांधली की पुष्टि : सवाल क्या ये बड़े मगरमच्छ सच में पकड़ पाएंगे?
कराची विस्फोट: बीजिंग ने पाकिस्तान से चीनी नागिरकों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने को कहा
Daily Horoscope