अमेरिका ने फलस्तीन में इस्राइली अवैध बस्तियों के निर्माण की
निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो का
इस्तेमाल करने से बचने से अपने निर्णय का बचाव किया है। उसने कहा है कि
द्वि-राष्ट्र समाधान निकालने के लिए वार्ता के सभी प्रयास विफल रहने के बाद
यह असामान्य कदम उठाया गया। मिस्र ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में
फलस्तीन क्षेत्र में इस्राइली अवैध बस्तियों को रोकने की मांग करने वाला
प्रस्ताव पेश किया था और अमेरिका ने इस प्रस्ताव के संबंध में वीटो
इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया। इस कदम को अमेरिका के निकटतम पश्चिम
एशियाई सहयोगी को राजनयिक फटकार के तौर पर देखा जा रहा है।
अमेरिका के
विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि अमेरिका ने दिमाग में एक प्राथमिक
उद्देश्य के तहत काम किया। द्वि राष्ट्र समाधान की संभावना को संरक्षित
करना। दशकों से हर अमेरिकी प्रशासन ने इस बात पर सहमति जताई है कि
इस्राइलियों और फलस्तीनियों के बीच न्यायसंगत और स्थायी शांति स्थापित करने
के लिए यही समाधान एकमात्र तरीका है। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा
सलाहकार बेन रोड्स ने एक कांफ्रेंस कॉल के दौरान कहा कि हमारी सबसे गंभीर
चिंता है कि अवैध बस्तियों संबंधी गतिविधि की मौजूदा गति में साल 2011 से
बहुत तेजी आई है।
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